- अमेरिका ने भारत को दिया खुला समर्थन
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झ़़डप के बाद भारत अब पूरी तरह से सतर्क और चौकन्ना है। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी ल़़डाकू जेट और हेलीकॉप्टर दिखाई देने के बाद भारत अब अपने उच्च मारक क्षमता वाले हथियार एलएसी पर तैनात कर रहा है। भारतीय सेना ने अभी हाल ही में पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में हवा में दूर तक मार करने वाली आकाश मिसाइलें तैनात की हैं। इस बीच, चीन से सीमा विवाद पर अमेरिका ने भी भारत को समर्थन दिया है।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा है कि भारत, मलेशिया, इंडोनेशिया और फिलीपीन जैसे देशों के लिए चीन से बढ़ रहे खतरे का मुकाबला करने के लिए अमेरिका अपने बलों की वैश्विक तैनाती की समीक्षा कर रहा है जिससे कि उचित स्थानों पर इसकी मौजूदगी सुनिश्चित हो सके। सरकारी सूत्रों ने बताया कि क्षेत्र में चल रहे निर्माण के हिस्से के रूप में भारतीय वायुसेना चीनी वायुसेना को मुंहतोड़ जवाब दे सके इसलिए इन मिसाइलों को पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर इन्हें तैनात किया गया है।
चीनी ने सुखोई-30 और अपने स्ट्रैटजिक बॉम्बर्स को तैनात किया
पिछले दो हफ्तों में चीनी वायुसेना ने सुखोई-30 और अपने स्ट्रैटजिक बॉम्बर्स को एलएसी के पीछे तैनात किया है। उन्हें एलएसी के पास 10 किलोमीटर के दायरे में उड़ान भरते देखा गया है, जिसके बाद एयर डिफेंस सिस्टम की तैनाती का फैसला हुआ। सरकारी सूत्रों ने बताया कि सेक्टर में भारतीय थलसेना और भारतीय वायुसेना दोनों के एयर डिफेंस सिस्टम तैनात कर दिए गए हैं। ताकि, चीनी वायुसेना या उसके हेलीकॉप्टरों की एलएसी पर किसी गलत हरकत से निपटा जा सके।
भारत जल्द ही रूस से उच्च प्रदर्शन वाली मिसाइलें प्राप्त करेगा
सूत्रों ने कहा कि भारत जल्द ही अपने दोस्ताना देश (रूस) से उच्च प्रदर्शन वाली मिसाइलें प्राप्त करेगा और जिसे जल्द ही सीमा पर तैनात किया जा सकता है। चीनी हेलीकॉप्टरों ने सभी दुर्गम क्षेत्रों में भारतीय एलएसी के बहुत करीब से उ़़डान भरी थी, जिसमें उत्तरी उप क्षेत्र (दौलत बेग ओल्डी सेक्टर), गलवन घाटी के पास पैट्रोलिंग पॉइंट 14, पैट्रोलिंग पॉइंट 15, पैट्रोलिंग पॉइंट 17 और 17 ए (हॉट जोन स्प्रिंग्स) के साथ-साथ पैंगोंग त्सो और फिंगर–3 जोन का इलाका शामिल है।
ट्रांसपोर्ट विमान व चिनूक हेलीकॉप्टर भी ले रहे हैं हिस्सा
गौरतलब है कि चीन से तनाव के बीच भारतीय वायुसेना के अभ्यास में सुखोई 30-एमकेआई के साथ ट्रांसपोर्ट विमान व चिनूक हेलीकॉप्टर भी हिस्सा ले रहे हैं। साजो सामान पहुंचाकर क्षेत्र में सेना की ताकत और ब़़ढाने के लिए वायुसेना के विमान चंडीग़ढ से लगातार लद्दाख के लिए उ़़डान भर रहे हैं। थलसेना व वायुसेना प्रमुख के हाल ही के पूर्वी लद्दाख के दौरों के बाद क्षेत्र की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली सेना और वायुसेना के हौसले बुलंद हैं।
चीन अब अपनी आक्रामकता को लेकर फंस गया
पहले कोरोना वायरस पर दुनिया को अंधेरे में रखने की वजह से घिरा चीन अब अपनी आक्रामकता को लेकर फंस गया है। एक तरफ लद्दाख के पहाड़ों पर उसके नापाक मंसूबों के सामने भारतीय जांबाजों की चुनौती है तो दूसरी तरफ प्रशांत महासागर में अमेरिकी नौसेना के तीन जहाजों की तैनाती से ड्रैगन की टेंशन अब बढ़ गई है। ऊपर से आज अमेरिका के विदेश मंत्री ने साफ कर दिया है कि अमेरिकी सेना की मौजूदगी एशिया में बढ़ाई जा रही है। बीजिंग में बैठकर खुराफात की प्लानिंग करने वाले अब एक पल लद्दाख के बारे में सोचते हैं तो दूसरे ही पल उनके दिमाग में अमेरिकी जहाज तैरने लगते हैं।
प्रशांत महासागर में इससे पहले तीन अमेरिकी जहाज तीन साल पहले उतरे थे, जब नॉर्थ कोरिया से टेंशन चल रहा था। इस बीच अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा है कि भारत, मलेशिया, इंडोनेशिया और फिलीपीन जैसे देशों के लिए चीन से बढ़ रहे खतरे का मुकाबला करने के लिए अमेरिका अपने बलों की वैश्विक तैनाती की समीक्षा कर रहा है जिससे कि उचित स्थानों पर इसकी मौजूदगी सुनिश्चित हो सके। नेशनल सिक्यॉरिटी अडवाइजरी में हाल ही में कार्यकाल पूरा करने वाले नौसेना एक्सपर्ट वाइस-एडमिरल अनिल चोपड़ा ने कहा कि नेवी के मूवमेंट से चीजें आगे बढ़ती हैं।