भारत ने पहली बार ओआईसी को किया संबोधित

अबू धाबी। भारत ने एक बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि के तहत पहली बार शुक्रवार को यहां ओआईसी की बैठक को संबोधित किया और जोर दिया कि क्षेत्रों को अस्थिर करने वाले और विश्व को बड़े संकट में डालने वाले आतंकवाद के खिलाफ युद्ध किसी धर्म के खिलाफ नहीं है। भारत की यह भागीदारी इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) समूह को संबोधित करने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को दिया गया आमंत्रण रद्द करने की पाकिस्तान की मजबूत मांग के बावजूद हुई है।

पाकिस्तान की इस मांग को मेजबान देश

पाकिस्तान की इस मांग को मेजबान देश संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने स्वीकार नहीं किया और इसके फलस्वरूप पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने पूर्ण सूत्र का बहिष्कार किया। सुषमा स्वराज ने कहा, आतंकवाद और चरमपंथ अलग-अलग नाम हैं…आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई किसी भी धर्म के खिलाफ संघर्ष नहीं है। सुषमा 57 इस्लामिक देशों के समूह को संबोधित करने वाली पहली भारतीय मंत्री हैं। इससे पूर्व 1969 में इंदिरा गांधी मंत्रिमंडल में वरिष्ठ मंत्री फखरुद्दीन अली अहमद, जो बाद में राष्ट्रपति बने, को रबात सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था। लेकिन उनके मोरक्को की राजधानी पहुंचने के बाद पाकिस्तान द्वारा जोर दिए जाने पर उनसे आमंत्रण वापस ले लिया गया था।

उसके बाद से, भारत को ओआईसी

उसके बाद से, भारत को ओआईसी के सभी विचार-विमर्श से बाहर रखा गया। सुषमा ने अपने संबोधन में पवित्र कुरान की एक पंक्ति को उद्घृत किया जिसका अर्थ है, धर्म में कोई बाध्यता नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, जैसे कि इस्लाम का मतलब अमन है और अल्लाह के 99 नामों में से किसी का मतलब हिंसा नहीं है। उसी तरह दुनिया के सभी धर्म शांति, करुणा और भाईचारे का संदेश देते हैं। सुषमा ने कहा, मैं अपने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और 18.5 करोड़ मुसलमान भाइयों-बहनों सहित 1.3 अरब भारतीयों का सलाम लेकर आई हूं। हमारे मुसलमान भाई-बहन अपने-आप में भारत की विविधता का सूक्ष्म ब्रह्मांड हैं।

भारत में बहुत ही कम मुसलमान चरमपंथी

उन्होंने कहा कि भारत में बहुत ही कम मुसलमान चरमपंथी और रूढ़िवादी विचारधारा वाले कुप्रचार के शिकार हुए हैं। सुषमा ने अपने करीब 17 मिनट के संबोधन में एक बार भी पाकिस्तान का जिक्र नहीं किया। उनकी टिप्पणी जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच पैदा हुए तनाव की पृष्ठभूमि में आई है। पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद ने उस आत्मघाती हमले को अंजाम दिया था। सुषमा ने कहा कि वह ऐसी धरती की प्रतिनिधि हैं जो सदियों से ज्ञान का स्रोत, शांति की मशाल, भक्ति और परंपराओं का स्रोत और दुनिया भर के धर्मों का घर रहा है तथा अब यह दुनिया की महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।

RELATED ARTICLES

योगी सरकार मेधावियो को देगी 1 लाख और टैबलेट, खिलाड़ियों को भी मिलेगा बंपर इनाम

166 मेधावी छात्र लखनऊ में होगे सम्मानित | छात्रों को एक लाख रुपये का पुरस्कार | खिलाड़ियों को भी किया जायेगा सम्मानित | लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ...

अब यूपी में टीचर्स का होगा तबादला, ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया भी हो गई शुरू

ऑनलाइन स्थानांतरण आवेदन प्रक्रिया शुरू | ऑफलाइन आवेदनों के कारण फँसे शिक्षक | अगले साल से केवल ऑनलाइन प्रक्रिया | लखनऊ। प्रदेश के 4512 सहायता प्राप्त (एडेड)...

44 हजार करोड़ के थर्मल प्रोजेक्ट से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा प्रदेश

PM मोदी की यूपी को ऊर्जा क्षेत्र में बड़ी सौगात, 44 हजार करोड़ के थर्मल प्रोजेक्ट से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा प्रदेश कानपुर/लखनऊ। उत्तर प्रदेश को...

Latest Articles