पटना। बिहार सरकार ने राज्य के युवाओं के विकास, रोजगार और सशक्तिकरण को लेकर एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर जानकारी देते हुए बताया कि राज्य कैबिनेट ने ‘बिहार युवा आयोग’ के गठन को मंजूरी दे दी है। यह आयोग शिक्षा, रोजगार, कौशल विकास और सामाजिक उत्थान से जुड़ी योजनाओं को गति देगा और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, बिहार युवा आयोग का उद्देश्य राज्य के युवाओं को प्रशिक्षित करना, उन्हें रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध कराना और उनकी क्षमता का समुचित विकास करना है। यह आयोग सरकार को सुझाव देने के साथ-साथ संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर योजनाओं के क्रियान्वयन में भी अहम भूमिका निभाएगा। आयोग में एक अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष और सात सदस्य होंगे, जिनकी अधिकतम उम्र सीमा 45 वर्ष तय की गई है। आयोग यह सुनिश्चित करेगा कि स्थानीय युवाओं को निजी क्षेत्र में प्राथमिकता मिले। बाहर पढ़ाई या काम करने वाले युवाओं के अधिकारों की रक्षा और हितों का संरक्षण भी आयोग की प्राथमिकता होगी। शराब और मादक पदार्थों जैसी सामाजिक बुराइयों की रोकथाम के लिए भी आयोग योजनाएं बनाएगा और सरकार को सिफारिशें देगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले युवाओं को लुभाने की एक रणनीतिक पहल है। बिहार देश का ऐसा राज्य है जहां युवा जनसंख्या सबसे अधिक है, और यह आयोग उनकी ऊर्जा को सही दिशा देने में मदद करेगा।
बिहार सरकार पहले ही ‘मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा योजना’ चला रही है, जिसके तहत 18 से 28 वर्ष के युवाओं को इंटर्नशिप और कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए हर महीने ₹4,000 से ₹6,000 तक की आर्थिक सहायता दी जाती है। सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में एक लाख से अधिक युवाओं को इस योजना का लाभ देना है। अब बिहार युवा आयोग इस योजना को और अधिक प्रभावी बनाने में समन्वयक की भूमिका निभाएगा।