हरियाली तीज आज, सुहागिनें रखेंगी पति के दीर्घायु के लिए व्रत

लखनऊ। हरियाली तीज श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है। विवाहित महिलाएं और अविवाहित लड़कियां दोनों ही इस व्रत को रखती हैं। हरियाली तीज का धार्मिक महत्व बहुत खास होता है। हरियाली तीज पर माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा अर्चना करने का विशेष महत्व है। हरियाली तीज को श्रावणी तीज भी कहा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की दीघार्यु के लिए व्रत करती हैं तो वहीं कुंवारी कन्याएं शिवजी जैसा सुयोग्य वर पाने के लिए व्रत रखकर शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। हरियाली तीज 2025 में 27 जुलाई, रविवार को मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन शुक्ल तृतीया तिथि 26 जुलाई को रात 10 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी और यह तिथि 27 जुलाई को रात 10 बजकर 41 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, हरियाली तीज 27 जुलाई को मनाई जाएगी। इस वर्ष हरियाली तीज और भी खास है क्योंकि इस दिन रवि योग बन रहा है, जो व्रत के प्रभाव को और अधिक शुभ बनाता है। इस दिन रवि योग शाम 4 बजकर 23 मिनट से शुरू होकर 28 जुलाई को सुबह 5 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। रवि योग में पूजापाठ करना और व्रत रखना बहुत ही शुभ फल देने वाला माना जाता है।

हरियाली तीज का महत्व:
हरियाली तीज एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। यह भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक है। मान्यता के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए बहुत कठिन तपस्या की थी। उन्होंने 108 जन्मों तक तपस्या की और उसके बाद भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया। इस दिन पूजा करने से विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। जो महिलाएं इस दिन सच्चे मन से पूजा करती हैं, उनका वैवाहिक जीवन हमेशा खुशहाल रहता है। हरियाली तीज के दिन शिव-पार्वती की मिट्टी की मूर्ति लाएं। पूर्व दिशा में एक चौकी के ऊपर उन्हें स्थापित करके गंगाजल से शुद्ध करें। जल से भरा एक कलश सामने रखकर दीपक जलाएं। इसके बाद बेलपत्र, दूर्वा और चावल चढ़ाएं।

महिलाएं व्रत रखकर माता पार्वती की करती हैं पूजा:
हरियाली तीज पर महिलाएं व्रत रखने के साथ घर में सुख, शांति, समृद्धि की भगवान शिव और माता पार्वती से प्रार्थना करती हैं। माता पार्वती की पूजा करती हैं। नवविवाहित महिलाएं अपने मायके आकर हरियाली तीज मनाने की परम्परा भी है। महिलाएं नए वस्त्र विशेषकर हरी साड़ी व हरे वस्त्र पहनती हैं। झूला झूलती हैं और सावन तीज के गीत गाती हैं।

शिव-पार्वती देते हैं अखंड सौभाग्य का वरदान:
हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का व्रत रखा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीघार्यु और परिवार की कुशलता के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन व्रत रखने पर शिव-पार्वती अखंड सौभाग्य का वरदान देते हैं। यह त्योहार उत्तर भारत के अनेक प्रांतों में बहुत जोश और उमंग के साथ मनाया जाता है। मान्यता है कि पूरे श्रावण मास में शिव-पार्वती पृथ्वी पर निवास करते हैं और अपने भक्तों को मनोवांछित फल प्रदान करते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी, इससे प्रसन्न होकर शिव ने सावन महीने के शुक्ल पक्ष की हरियाली तीज के दिन ही मां पार्वती को पत्नी रूप में स्वीकार किया था। अखंड सौभाग्य का प्रतीक यह त्योहार भारतीय परंपरा में पति.पत्नी के प्रेम को और प्रगाढ़ बनाने तथा आपस में श्रद्धा और विश्वास कायम रखने का त्योहार है इसके आलावा यह पर्व पति.पत्नी को एक दूसरे के लिए त्याग करने का संदेश भी देता है। इस दिन कुंवारी कन्याएं व्रत रखकर अपने लिए शिव जैसे वर की कामना करती हैं वहीं विवाहित महिलाएं अपने सुहाग को भगवान शिव तथा पार्वती से अक्षुण बनाये रखने की कामना करती हैं।

हरियाली तीज पूजन सामग्री:
मां पार्वती और शिवजी की मूर्ति, पूजा के लिए चौकी, पीला वस्त्र, कच्चा सूता, नए वस्त्र, केला के पत्ते, बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, जनेऊ, जटा नारियल, सुपारी, कलश, अक्षत या चावल, दूर्वा घास, घी, कपूर, अबीर-गुलाल, श्रीफल, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, दही, मिश्री, शहद, पंचामृत। साथ ही मां पार्वती को सुहाग का सामान अर्पित करने के लिए एक हरे रंग की साड़ी, चुनरी और सोलह श्रृंगार से जुड़े सुहाग के सामान में सिंदूर, बिंदी, चूड़ियां, माहौर, खोल, कुमकुम, कंघी, बिछुआ, मेहंदी, दर्पण और इत्र जैसी चीजों को जरूर रखें।

हरियाली तीज की पूजा विधि:

हरियाली तीज के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान आदि करने के बाद नए वस्त्र पहनें। इस सोलह श्रृंगार जरूर करें और पूरे दिन व्रत रहें। हरियाली तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती के साथ ही गणेश जी की भी पूजा की जाती है। पूजा के लिए एक चौकी तैयार करें और उसपर पीले रंग का कपड़ा बिछा दें। फिर इस चौकी में भगवान की मूर्तियां स्थापित करें और भगवान को नए वस्त्र पहनाएं। पूजा सामग्री को भगवान की मूर्तियों में अर्पित करें। इसके बाद माता पार्वती को सोलह श्रृंगार से जुड़े सभी सामानए साड़ी और चुनरी अर्पित करें। पूजा के दौरान हरियाली तीज की व्रत कथा जरूर सुनें या पढ़ें। इसके बाद आरती करें।

रंग-बिरंगी चूड़ियों से सजा बाजार, लगवाई मेहंदी खूब हुई खरीदारी


लखनऊ। हरियाली तीज को लेकर शनिवार को राजधानी के बाजारों में जबरदस्त रौनक रही। अमीनाबाद, पत्रकारपुरम, भूतनाथ मार्केट में साड़ी और रंग-बिरंगी चूड़ियों सहित शृंगार का अन्य सामान खरीदने के लिए देर रात तक महिलाओं की खूब भीड़ रही। वहीं भूतनाथ मार्केट में महिलाएं आकर्षक डिजाइन में मेहंदी रचाने के लिए अपनी बारी का इंतजार करती दिखीं। वहीं गड़बड़झाला और नक्खास में दुकानदारों ने भी सौंदर्य प्रसाधन की वस्तुओं की खूब बिक्री की। कारोबारियों के मुतबिक हरियाली तीज पर दो करोड़ की साड़ियां और 50 लाख रुपये का शृंगार का समान बिक गया। शनिवार को कपड़ों, रंग-बिरंगी चूड़ियों की खूब बिक्री हुई। भूतनाथ मार्केट और अमीनाबाद में डिजाइनर हरे रंग की साड़ियों का क्रेज दिखा। डबल शेड, नेट, साटन, सिल्क बनारसी आदि साड़ियां बहुत ज्यादा बिकीं। 1500 से पांच हजार के बीच वाली साड़ियां काफी बिकीं। साड़ी की मैचिंग की रंग-बिरंगी चूड़ियां व कड़े लेने के लिए महिलाएं गड़बड़झाला, नक्खास मार्केट पहुंचीं। भूतनाथ मार्केट के कपड़ा कारोबारी उत्तम कपूर ने बताया कि हरियाली तीज पर लहरिया साड़ियों की मांग अधिक रहती है। उन्होंने बताया कि दो साल बाद हरियाली तीज पर बाजार में रौनक है। हरियाली तीज को लेकर कपड़ों की खूब बिक्री हुई।

भूतनाथ मार्केट में मेहंदी की धूम:
आलमबाग, अमीनाबाद व भूतनाथ मार्केट में सबसे ज्यादा मेहंदी की बिक्री हुई। महिलाएं हाथ पर आकर्षक डिजाइन में मेहंदी रचाने के लिए घंटों लाइन में लगी रहीं। बाजार में सामान खरीदने आई अंजलि, शिखा व स्वाति ने बताया कि हरियाली तीज को लेकर अलग तरीके का उत्साह और उमंग रहती है। उन्होंने दुकानों से साड़ी, कपड़े और मेकअप आदि सामान खरीदा है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस भी मुस्तैद थी। गोल्डन और पिस्ता घेवर की बिक्री भी खूब हुई।

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