लखनऊ। माघ के माहीने की शुरूआत जल्द होने वाली है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, माघ माह को 11वां महीना माना जाता है। इस माह को धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र माना गया है। इस महीने में गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। साल 2025 में माघ माह की शुरूआत 21 जनवरी, मंगलवार से हो रही है और यह माह 19 फरवरी, बुधवार तक रहेगा। इस दौरान स्नान, दान और उपवास का विशेष महत्व होता है। इस महीने भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ माह पुण्य कमाने और आत्मिक शुद्धि के लिए सर्वोत्तम समय माना जाता है। इस महीने में गुप्त नवरात्रि भी मनाई जाती है। माघ माह में गुप्त नवरात्रि का आयोजन विशेष रूप से किया जाता है। वर्ष 2025 में गुप्त नवरात्रि की शुरूआत 30 जनवरी, गुरुवार से होगी और इनका समापन 7 फरवरी, शुक्रवार को होगा। यह नवरात्रि माघ शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर नवमी तिथि तक मनाई जाती है। गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है। यह विशेष नवरात्रि उन साधकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है, जो तंत्र साधना और गुप्त विद्याओं में रुचि रखते हैं।
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
गुप्त नवरात्रि में घटस्थापना का विशेष महत्व होता है। वर्ष 2025 में घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 9:25 से 10:46 बजे तक रहेगा। इसके अलावा, अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:13 से 12:56 बजे तक रहेगा। इन शुभ मुहूर्तों में घटस्थापना करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।
पूजा सामग्री लिस्ट
माघ गुप्त नवरात्रि में पूजा के लिए मां दुर्गा की फोटो, लाल चुनरी, श्रृंगार सामग्री, चावल, दुर्गा सप्तशती की किताब, गंगाजल, आम की पत्तियां,चंदन, नारियल, कपूर, जौ के बीज, मिट्टी के बर्तन, गुलाल, सुपारी, पान का पत्ता, लौंग, इलायची, फल, फूल, कलश, जौ, लाल रंग का वस्त्र, कपूर, धूपबत्ती,दीपक, घी समेत पूजा की सभी सामग्री एकत्रित कर लें।
देवी मां की दस महाविद्याएं
गुप्त नवरात्रि के दैरान इन दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है। दस महाविद्याएं देवी इस प्रकार से हैं- काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी या कमला। मान्यता है कि देवी मां कि इन 10 महाविद्याओं की पूजा करने से मनुष्य को विशेष सिद्धियां प्राप्त होती हैं और जीवन के सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
गुप्त नवरात्रि की पूजा विधि
गुप्त नवरात्रि के दौरान देवी के 32 अलग-अलग नामों की पूजा की जाती है। इन नामों का जप और पूजा करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और साधक को आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है। इस नवरात्रि के दौरान साधक विशेष मंत्रों का जाप करते हैं और देवी दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की आराधना करते हैं। माघ माह और गुप्त नवरात्रि का यह विशेष समय साधकों और भक्तों के लिए अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। इस दौरान विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।