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सिर्फ जनता को परेशान करना जानता है सत्तारूढ़ दल
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को कहा कि भाजपा सरकार अन्नदाता किसान के साथ कई तरह के छलकपट करने की रणनीति बनाने में व्यस्त है। किसानों के खेत छीनने की मंशा के साथ प्रधानमंत्री ने अब उसे ‘उद्यमी’ बनाने की ओर प्रयास करने की साजिश की ओर भी इशारा कर दिया है। इसका सीधा मतलब है कि भाजपा सरकार अब किसानों को भी आयकर के दायरे में भी लाना चाहती है। किसान को अभी तक मिलने वाले लाभों को जल्द ही खत्म कर दिया जायेगा। भाजपा सरकार जनता को सिर्फ परेशान करना जानती है।
अखिलेश ने कहा कि सपा की स्पष्ट राय है कि किसान को अन्नदाता की श्रेणी में रहने दिया जाये। लेकिन कृषि को उद्योगों जैसी सुविधाएं मिलनी चाहिए। कृषि से संबंधित तीनों कानून किसानों के हितों के खिलाफ है। इसके खिलाफ किसानों में व्यापक आक्रोश है। सरकार की योजना अन्नदाता को खेतिहर मजदूर बना देने की है। किसान की खेती कारपोरेट को सौंप दी जाएगी। उसकी फसल का सौदा भी अब बड़े एजेण्टों, व्यापारियों की मर्जी पर होगा।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि वास्तव में भाजपा सरकार किसानों के साथ सिर्फ छलावा करती आयी हैं। किसानों की कर्ज माफी या उनकी आय दुगनी करने की बात हो या उनकी फसल की लागत का डयोढ़ा मूल्य देने की भाजपा सरकार इनमें से एक भी वादा पूरा नहीं कर पाई है। इसके बजाय सरकार तरह-तरह के प्रपंच रचने में लगी है।
अखिलेश ने कहा कि अन्नदाता किसान न केवल सबका पेट भरता है, बल्कि देश की सीमाओं के रक्षा के लिए अपने बेटे भी देता है। जीडीपी में वृद्धि और रोजगार की उपलब्धता भी कम ज्यादा किसान से जुड़ी है। लाकडाउन के दौर में अर्थव्यवस्था में जो भारी गिरावट आई है उसके उद्धार में भी कृषि क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका आंकी गयी है।
भाजपा सरकार किसान को राहत देने, उसका कर्ज माफ करने, उसकी सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित कराने, गन्ना किसानों का बकाया समय से दिलाने आदि के मामलों में तो पूरी तरह निष्क्रिय नज़र आ रही है। जहां किसानों की जमीनों का अधिग्रहण हुआ वहां उन्हें समय से 6 गुना लाभप्रद मुआवजा भी नहीं मिला।