तोक्यो। सात प्रमुख औद्योगिक देशों के समूह के शीर्ष राजनयिकों ने बुधवार को तोक्यो में गहन बैठकों के बाद इजराइल-हमास युद्ध पर एक एकीकृत रुख की घोषणा करते हुए हमास की निंदा की, इजराइल के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया और गाजा पट्टी में प्रभावित लोगों को सहायता में तेजी लाने के लिए मानवीय आधार पर संघर्ष रोकने का आह्वान किया।
समूह सात (जी7) में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका शामिल हैं। इन देशों ने एक बयान में, इजराइल के खिलाफ हमास के हमलों की आलोचना की तथा फलस्तीन के लोगों के लिए भोजन, पानी, चिकित्सा देखभाल और आश्रय मुहैया कराने के लिए तत्काल कदम उठाने पर जोर देने की मांग की।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान और इटली के विदेश मंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया कि वे तत्काल आवश्यक सहायता, नागरिकों की आवाजाही और बंधकों की रिहाई की सुविधा के लिए मानवीय आधार पर संघर्ष रोकने का समर्थन करते हैं। साथ ही फलस्तीनियों के खिलाफ चरमपंथी हिंसा में वृद्धिै की भी निंदा की गई, जिसे मंत्रियों ने अस्वीकार्य, वेस्ट बैंक में सुरक्षा को कमजोर करने वाला और स्थायी शांति की संभावनाओं को खतरे में डालने वालौ बताया।
राजनयिकों ने तोक्यो शहर में बैठक की जबकि संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी ने कहा कि गाजा में भोजन और पानी खत्म होने के बाद हजारों फलस्तीनी पैदल ही दक्षिण की ओर भाग रहे हैं। इजराइल ने कहा कि उसके सैनिक गाजा शहर के अंदर हमास के आतंकवादियों से लड़ रहे हैं, जहां युद्ध से पहले लगभग 650,000 लोग रहते थे और जहां के बारे में इजराइली सेना का कहना है कि हमास की अपनी केंद्रीय कमान और सुरंगों का जाल है।