नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि बिजली उपभोक्ताओं को सेवा प्रदाता व वितरण कंपनियों का चयन करने की सुविधा देने के लिए शीघ्र ही रूपरेखा तैयार की जाएगी। अभी देश में ज्यादातर बिजली वितरण कंपनियां सरकारी हैं। वे केंद्र सरकार की योजना के अनुरूप 24 घंटे बिजली प्रदान करने में सक्षम नहीं हैं, क्योंकि वे नकदी की कमी की समस्या से जूझ रही हैं।
सीतारमण ने लोकसभा में बजट पेश करते हुए कहा, बिजली वितरण कंपनियां मनमानी करती हैं। उपभोक्ताओं को वितरण कंपनी चुनने का विकल्प प्रदान करने की जरूरत है। उन्हें विकल्प प्रदान करने के लिए शीघ्र ही रूपरेखा पेश की जाएगी। उन्होंने वितरण कंपनियों के वित्तरय संकट का भी जिक्र किया। दिसंबर 2020 तक के आंकड़ों के अनुसार, बिजली बनाने वाली कंपनियों का वितरण कंपनियों के ऊपर 1.35 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले छह साल के दौरान बिजली उत्पादन क्षमता में 139 गीगावॉट की वृद्धि हुई है और 2.8 घरों को बिजली के कनेक्शन दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस दौरान बिजली पारेषण लाइन में 1.41 लाख सर्किट किलोमीटर जोड़े गए हैं। सीतारमण ने अगले वित्त वर्ष में हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन शुरू करने की भी घोषणा की।