आॅल इंडिया कैफी आजमी एकेडमी की ओर से हुआ आयोजन
लखनऊ। मंगलवार को प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और पहले कैबिनेट मंत्री रफी अहमद किदवई की जयंती मनाई गई। लखनऊ स्थित आॅल इंडिया कैफी आजमी एकेडमी में जन्मसमारोह का आयोजन स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार फाउंडेशन ने किया । कार्यक्रम में सबसे पहले रफी अहमद किदवई पर लिखी प्रसिद्ध शायर जगन्नाथ आजाद की नज्म पढ़ी गई। कार्यक्रम में सबसे पहले भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने वाले प्रमुख परिवारों के उत्तराधिकारियों को सम्मानित किया गया।
शहीद भगत सिंह के भतीजे सरदार चरनजीत सिंह,शहीद अशफाक उल्ला खां के पौत्र अशफाक उल्ला खान(द्वितीय),अलीम किदवई तथा फवाद किदवई आदि को उनके पूर्वजों के महान योगदान के लिए सम्मानित किया गया । उसके बाद कार्यक्रम की आधिकारिक शुरआत करते हुए प्रसिद्ध लेखक हफीज किदवई ने शेख जहीरुद्दीन किदवई,स्वतंत्रता सेनानी अब्दुल हलीम किदवई तथा रफी अहमद किदवई के बक्सर युद्ध से स्वतंत्रता संग्राम तक के संघर्ष पर बात की और कार्यक्रम की महत्ता और उसे लखनऊ में करने की मंशा पर विस्तृत बातचीत की। उसके बाद स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार फाउंडेशन के महामंत्री मोईन अहमद किदवई ने रफी अहमद किदवई के जीवन और उनके बाद के प्रभाव पर बात रखी। स्वतंत्रता के बाद विकास और आए हुए बदलाव पर बात रखी साथ ही बाराबंकी के भारतीय इतिहास में क्या योगदान रहा, इसपर भी रौशनी डाली। रफी साहब के सहयोगी और चचेरे भाई अब्दुल हलीम किदवई की 127वीं जयंती और उनके कामो पर भी विस्तार से चर्चा की। रफी अहमद किदवई और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन” विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया । जिसमें लखनऊ के प्रसिद्ध विचारकों इक़्तेदार फारूकी, प्रो रमेश दीक्षित, पीएल पुनिया, फरीद महफूज किदवई, मौलाना खालिद रशीद फिरंगीमहली, फैज किदवई आईएएस, जफर नकवी, साबिरा हबीब, सुरेंद्र राजपूत, राजेश पांडे आदि ने विचार रखे। कार्यक्रम की अध्यक्षता आफताब किदवई ने की और संचालन सुल्तान शाकिर हाशमी ने की। सभी सम्मानित विचारक वक्ताओं ने रफी अहमद किदवई के व्यक्तित्व, नेहरू जी से आत्मिक सम्बंध, जनप्रिय फैसलों, मेहनत, कर्मठता और ईमानदारी के किस्से सुनाए। बताया कि कैसे बंगाल अकाल में रफी अहमद किदवई के रणनीतिक कौशल से आपदा रुकी । वहीं बतौर संचार मंत्री उनके सेवाओं,अंतदेर्शीय पोस्टल की व्यवस्था तथा दूरदर्शी फैसलों पर भी वक्ताओं ने विचार रखा ।
सरदार चिरंजीत सिंह तथा अशफाक उल्ला खां ने क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता आंदोलन में सबके सहयोग,संघर्ष और त्याग पर बात रखी ।
रफी अहमद किदवई जयंती समारोह में एक फोटो गैलरी की भी प्रदर्शनी लगाई गई । जिसका विषय था “भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में मसौली की भूमिका” और इसी के अंतर्गत एक पत्रिका भी वितरित की गई ।
रफी अहमद किदवई की पॉलिटेक्निक स्थित मूर्ति पर प्रात: ही माल्यार्पण किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे आफताब किदवई ने आए हुए सभी विशिष्ट अतिथियों,वक्ताओं और रफी साहब को चाहने वाले प्रत्येक व्यक्ति का आभार व्यक्त किया ।
कार्यक्रम में प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता रूपरेखा वर्मा, अमीर हैदर,जफर नकवी,राजनाथ शर्मा,अतीक किदवई,पवन यादव,आशीष डिगडिगा,सबाहत आफरीन, नाईश हसन,राकेश पांडेय,रामकिशोर,अनुराग शुक्ला,सानिध्य अवध,नौशाद किदवई,आशीष आंनद,फरहीम हुसैन इत्यादि ने हिस्सा लिया।