मानवीय अनुभव की जटिलताओं को उजागर करती हैं प्रदर्शनी

सिनैप्स इंटरनेशनल आर्ट गैलरी की ओर से समूह कला प्रदर्शनी का आयोजन
लखनऊ। सिनैप्स इंटरनेशनल आर्ट गैलरी ने द सेंट्रम होटल के साथ मिलकर एक समूह कला प्रदर्शनी का आयोजन किया, जिसमें दस कुशल कलाकारों की उत्कृष्ट कलाकृतियाँ प्रदर्शित की गईं, सभी कलाकार गुजरात के वडोदरा से है। अजय लखेरा, बकुलेश जोशी, दुर्गाप्रसाद बंदी, दमयंती देबनाथ, हिना भट्ट, हिंडोल ब्रह्मभट्ट, क्रुति मुखर्जी, मुक्ति चौहान, नीलायोय नंदी, सुरश्री रबाडिया । अभिव्यक्ति शीर्षक वाली प्रदर्शनी को प्रख्यात कलाकार और क्यूरेटर हिना भट्ट ने क्यूरेट किया है ।
शो का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलन समारोह के साथ, सम्मानित मुख्य अतिथि असीम अरुण, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), समाज कल्याण, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार, एवम बिसिस्थ आतिथि वारिस्ट वास्तुकार आशीष श्रीवास्तव, एएनबी कंसल्टेंट्स, के द्वारा किया गया। यह प्रदर्शनी छह एप्रिल तक लगी रहेगी , सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे तक खुली रहेगी। उल्लेखनीय उपस्थित लोगों में सहारा इंडिया परिवार की मुख्य महाप्रबंधक कुमकुम रॉय चौधरी, सर्वेश गोयल, एक उद्यमी, शिक्षाविद्, मैराथन धावक, होटल व्यवसायी और फिल्म निमार्ता, भास्कर सिंह, व्यवसायी, पद्म भूषण पूर्णिमा वर्मन – संपादक, कवि और लेखक, राहुल राय-कलाकार, मौसम दास- मॉडल, राजेंद्र मिश्रा, राहुल रॉय -आर्टिस्ट, वास्तुकार पुनीत श्रीवास्ताव- वस्तुलिपि, विपिन वर्मा झ्र नारायण एंटर्प्रायजेज और भगवती पंथ, महाप्रबंधक, द सेंट्रम होटल शामिल थे।
गैलरी के संस्थापक निदेशक राकेश कुमार मौर्य ने मीडिया को प्रदर्शनी के बारे में बताया की अभिव्यक्ति हिना भट्ट के आंतरिक क्षेत्र की गहन खोज प्रस्तुत करती है। भावनाओं, विचारों और अवलोकनों की एक शानदार बुनाई करते हुए, भट्ट दर्शकों को एक आत्मनिरीक्षण यात्रा पर आमंत्रित करती हैं।
यह गहन व्यक्तिगत और चिंतनशील अनुभव कलात्मक अभिव्यक्तियों की एक विविध श्रेणी के माध्यम से सुगम बनाया गया है। भट्ट अपनी आंतरिक दुनिया की पेचीदगियों को उजागर करती हैं, मानवीय अनुभव की जटिलताओं को उजागर करती हैं। प्रत्येक कृति स्वयं और हमारे आस-पास की दुनिया की एक सूक्ष्म समझ प्रदान करती है।
जैसे-जैसे हम प्रदर्शनी में आगे बढ़ते हैं, हम आत्मनिरीक्षण और आत्म-खोज की दुनिया में खींचे चले जाते हैं। भट्ट की कलात्मक भाषा हमें धीमा होने, प्रतिबिंबित करने और बड़े आख्यान के भीतर अपनी जगह पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित करती है। आखिरकार, यह प्रदर्शनी केवल कलाकृतियों की प्रस्तुति नहीं है; यह आत्म-अन्वेषण की यात्रा शुरू करने, अपनी भावनाओं का सामना करने और मानवीय स्थिति पर विचार करने का निमंत्रण है। भट्ट की कलात्मकता हमें इस आत्मनिरीक्षण मार्ग के माध्यम से मार्गदर्शन करती है, जो एक गहन और अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करती है।

RELATED ARTICLES

मिट्टी की बनी बोतलें और घड़े कर रहे देशी फ्रिज का काम

बोतलों और घड़ों को नया लुक देकर डिजाइनिंग अंदाज में बाजार में उतारा लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मवैय्या क्षेत्र में इन दिनों...

मंच पर नयी रोशनी बिखेर गया ‘मेरी चिड़िया उसकी चिड़िया’

एसएनए में 17 दिवसीय नाट्य महोत्सव का आगाज, तीन नाटकों का मंचनलखनऊ। मंचकृति समिति संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश के सहयोग से आयोजित 17 दिवसीय...

पंजाबी लेखक डॉ. सतिंदर पाल सिंह को किया सम्मानित

चंदर नगर आलमबाग स्थित गुरु तेग बहादुर भवन के सभागार में आयोजनलखनऊ। लेखकों कवियों की अग्रणी संस्था आजाद लेखक कवि सभा उ.प्र. लखनऊ द्वारा...

Latest Articles