वरिष्ठ संवाददाता लखनऊ। पर ड्रॉप मोर क्रॉप माइक्रो इरिगेशन योजना के तहत कार्यरत जिन फर्मों व कंपनियों द्वारा अनुबंध के अनुसार कार्य नहीं किया जा रहा है, उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाय। प्रदेश के समस्त जिलों में दो हाईटेक नर्सरी की स्थापना सुनिश्चित किया जाय तथा उनका निर्माण कार्य एवं संचालन निर्धारित समय सीमा में पूर्ण किया जाय। नवाचार को बढ़ावा देने तथा किसानों की आय में वृद्धि के लिए बुंदेलखण्ड में सेंटर आॅफ एक्सीलेंस फॉर ड्राईलैंड हॉर्टिकल्चर (खजूर, अंजीर, नींबू वर्गीय आदि के लिए) और मिजार्पुर में सेंटर आॅफ एक्सीलेंस फॉर ड्रैगन फ्रूट्स की स्थापना की जाय।
यह निर्देश उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने समीक्षा बैठक में विभागीय अधिकारियों को दिये। उद्यान मंत्री गुरूवार को प्रदेश में औद्यानिक विकास को गति देने एवं संचालित कार्यक्रमों के ससमय क्रियान्वयन के लि अपने मंत्री आवास से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विभागीय कार्यों की समीक्षा बैठक कर रहे थे। हाईटेक नर्सरी में समय से स्वस्थ एवं गुणवत्तायुक्त पौध तैयार कर किसानों को उपलब्ध कराया जाय। ओद्योनिक खेती का नया खाका खींचा जाय, इसके लिए हाईटेक नर्सरी और मिनी सेंटर आॅफ एक्सीलेंस में एग्रो क्लाइमेटिक जोन तथा क्षेत्रीय मांग के अनुसार पौध उत्पादन किया जाय।
राजकीय पौधशालाओं की भूमि का भी शत-प्रतिशत प्रयोग किया जाय। विभागीय पौधशालाओं में उच्च गुणवत्ता के पौध तैयार कराकर विभाग द्वारा प्रदेश में पौधरोपण कार्यक्रम स्वयं संचालित किया जाय। उन्होंने कहा कि हाईटेक नर्सरी, इन्क्यूबेशन सेंटर, पर ड्रॉप मोर डॉप-माइक्रोइरीगेशन, एकीकृत बागवानी विकास मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, प्रधानमंत्री सूक्ष्य खाद्य उन्नयन आदि योजनाओं की मानीटरिंग के लिए नियुक्त किये गये नोडल अधिकारी पूरी गंभीरता एवं सकरात्मक सोच के साथ योजनाओं का क्रियान्वयन कराना सुनिश्चित करें। नोडल अधिकारी मंडल स्तर पर योजनाओं की समीक्षा करें तथा स्थानीय किसानों से मिलकर उनकी समस्याओं का निदान सुनिश्चित करें।
जनपद स्तर पर नियुक्त अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसानों के हितों के संचालित योजनाओ का लाभ पात्र किसानों को अधिक से अधिक मिले, इसके प्रयास किये जाय। उन्होंने कहा कि योगी सरकार किसानों के हितों के लिए निरन्तर कार्य कर रही है, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही या शिथिलता बरतने पर सम्बन्धित के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि गांवों में जाकर किसानों को परम्परागत खेती के अलावा औद्यानिक क्षेत्र में व्यावसायिक फसल की ओर भी उनका ध्यान आकर्षित करें, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सके। बैठक में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशक डॉ. अतुल कुमार सिंह सहित विभागीय संयुक्त निदेशक, वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे तथा मण्डलीय उपनिदेशक एवं जनपदीय उद्यान अधिकारियों ने वर्चुअल प्रतिभाग किया।