हैदराबाद | देश में बढ़ती अवैध ऑनलाइन गतिविधियों पर शिकंजा कसते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक हाई-प्रोफाइल मामले में फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े 29 नामचीन हस्तियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। इन हस्तियों में तेलुगु सिनेमा के लोकप्रिय अभिनेता विजय देवरकोंडा, राणा दग्गुबाती और वरिष्ठ कलाकार प्रकाश राज भी शामिल हैं।
इन पर आरोप है कि इन्होंने अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स का प्रचार कर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग सहित आम जनता को गुमराह किया, जिससे हजारों लोग आर्थिक नुकसान के शिकार हुए।
ईडी ने इस मामले में प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ECIR) दर्ज की है, जिसकी नींव तेलंगाना की साइबराबाद पुलिस द्वारा दर्ज की गई एक प्राथमिकी पर आधारित है। यह मामला उस समय तूल पकड़ गया जब एक बिजनेसमैन फणिन्द्र शर्मा ने शिकायत दर्ज करवाई कि इन नामी चेहरों की ब्रांडिंग के कारण हजारों लोग अवैध ऐप्स के झांसे में आकर अपनी जमा-पूंजी गंवा बैठे।
मामले में सिर्फ फिल्मी सितारे ही नहीं, बल्कि डिजिटल इनफ्लुएंसर्स का नाम भी सामने आया है। FIR में अभिनेत्री निधि अग्रवाल, लक्ष्मी मांचू, प्रणिता सुभाष, श्रीमुखी, और यूट्यूब चैनल ‘लोकल बोई नानी’ से जुड़े कई कंटेंट क्रिएटर्स की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
ईडी को आशंका है कि इन ऐप्स के प्रचार की आड़ में बड़े स्तर पर काले धन को वैध बनाने की कोशिश की गई हो सकती है। हालाँकि, भारत में रम्मी जैसे गेम्स को “स्किल-बेस्ड गेम” मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने वैध करार दिया है, लेकिन जब इनका दुरुपयोग सट्टेबाजी के लिए होता है, तो वह कानून की नजर में आपराधिक हो सकता है।
विवाद में नाम आने के बाद अभिनेता राणा दग्गुबाती ने सफाई देते हुए कहा कि उनका एक गेमिंग ऐप के साथ अनुबंध 2017 में ही समाप्त हो गया था, और उन्होंने प्रमोशन केवल उन्हीं क्षेत्रों में किए थे जहां यह कानूनन वैध था।वहीं अभिनेता प्रकाश राज ने माना कि उन्होंने वर्ष 2016 में ‘जंगली रम्मी’ का प्रचार किया था, लेकिन एक साल के भीतर ही वह करार रद्द कर दिया गया।
इस हाई-प्रोफाइल मामले में प्रवर्तन निदेशालय की जांच जारी है और सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। यह मामला देशभर में चर्चा का विषय बन गया है, और यह भी सवाल खड़े कर रहा है कि क्या सेलिब्रिटीज को ब्रांड प्रमोशन के दौरान अधिक जिम्मेदारी बरतनी चाहिए?