उप मुख्यमंत्री ने पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराकर रिपोर्ट मांगी
- वरिष्ठ संवाददाता लखनऊ। पूर्व सांसद भैरों प्रसाद मिश्र के बेटे को पीजीआई में इलाज न मिलने से हुई मौत पर उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कड़ी नाराजगी जतायी है। डिप्टी सीएम के निर्देश पर सोमवार को पूर्व सांसद के बेटे को इमरजेंसी में भर्ती न करने वाले डॉक्टर को इमरजेंसी से हटा दिया है।
डिप्टी सीएम ने निधन पर शोक जताया और पूरे प्रकरण की जांच उच्च स्तरीय कमेटी से कराकर रिपोर्ट मांगी है। साथ ही पीजीआई निदेशक को भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न होने की कड़ी चेतावनी दी है। वहीं सोमवार देर शाम तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने मामले की जांच रिपोर्ट संस्थान निदेशक को सौंप दी। मालूम हो कि बांदा से भाजपा के पूर्व सांसद रहे भैरों प्रसाद मिश्र शनिवार रात बेटे प्रकाश मिश्र की तबीयत बिगड़ने पर पीजीआई की इमरजेंसी लेकर आए थे।
इमरजेंसी के डॉक्टर ने बेड खाली न होने का हवाला भर्ती नहीं किया। पूर्व सांसद इमरजेंसी में धरने पर बैठ गए। उपचार न मिलने से बेटे की मौत हो गई थी। रात में ही निदेशक समेत अन्य अधिकारी मौके पर आए थे। जांच के आश्वासन पर पूर्व सांसद ने धरना बंद किया था। सोमवार को यह खबर अखबार में प्रकाशित होने पर डिप्टी सीएम ने संज्ञान लिया।
पीजीआई निदेशक ने रविवार को संस्थान के सीएमएस डॉ. संजय धीराज, एमस डॉ. वीके पालीवाल और इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. आरके सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनायी थी। कमेटी ने सोमवार को इमरजेंसी के डॉक्टर, नर्स, वार्ड ब्वाय, पीआरओ सेल के कर्मचारियों समेत अन्य के बयान लिये। इमरजेंसी में लगे सीसी कैमरे आदि की पड़ताल की गई। इसी आधार पर डॉक्टर को दोषी मानते हुए हटाया गया।