नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने पात्र लाभार्थियों को घर तक राशन पहुंचाने की योजना को मंगलवार को मंजूरी प्रदान की। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसकी जानकारी देते हुए इस योजना को बड़ा बदलाव लाने वाला कदम बताया। उन्होंने बताया कि इस योजना को मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना नाम से जाना जाएगा। योजना को दिल्ली मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दी गई।
निविदा प्रक्रिया और अन्य अनिवार्यताएं पूरी किए जाने के बाद आगामी छह से सात महीने में इसके लागू हो जाने की उम्मीद है। उन्होंने डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा, इस योजना के तहत स्वच्छ तरीके से पैक किए गए गेहूं, आटा, चावल और चीनी के थैले लोगों के घरों तक पहुंचाए जाएंगे। पीडीएस दुकान से राशन लेना वैकल्पिक होगा। आप सरकार की इससे पहले के कार्यक्रम में घर तक राशन पहुंचाने की योजना को उपराज्यपाल कार्यालय के साथ लंबी खींचतान चली थी।
उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मार्च 2018 में दिल्ली सरकार से कहा था कि वह घर तक राशन पहुंचाने के अपने प्रस्ताव को पूरी जानकारी के साथ केंद्र को भेजे। केजरीवाल ने कहा कि घर तक राशन पहुंचाने की योजना लागू किए जाने के साथ ही दिल्ली में केंद्र की एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड योजना भी लागू की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें केंद्र के सहयोग से राशन वितरित करती हैं, लेकिन धोखाधड़ी, अधिक कीमत वसूलना, देरी और गुणवत्ता की शिकायतें मिली है। राशन पाना गरीब का अधिकार होना चाहिए।
केजरीवाल ने कहा, आप सरकार के सत्ता में आने के बाद से हमने पांच साल में कई बदलाव किए। अब लोगों को राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने राजनीति में कदम रखने से पहले आरटीआई कार्यकर्ताओं के रूप में लोगों के राशन संबंधी अधिकार के लिए संघर्ष किया था और उन्हें राशन माफिया के हमलों का शिकार भी होना पड़ा था।
उन्होंने कहा, हम परिवर्तन संगठन के जरिए झुग्गी बस्तियों में रहने वाले गरीबों के अधिकारियों के लिए लड़ा करते थे। हमने गरीबों को उचित तरीके से राशन दिलाने में मदद करने के लिए आरटीआई का अधिकतम इस्तेमाल किया। केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार ने घर तक सेवा पहुंचाने की जो योजना लागू की थी, उसी की तरह यह योजना भी शासन के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लेकर आएगी।