लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुरूप किसानों की आमदनी दोगुना करने के लिए कृतसंकल्पित है। झांसी में स्ट्राॅबेरी महोत्सव का आयोजन जैसे अभिनव प्रयास इसमें सहायक हैं। किसानों को खेती के अभिनव प्रयासों से जोड़ने की ज़रूरत है। जिला प्रशासन को इस संबंध में किसानों को जागरूक करने के लिए प्रभावी और सार्थक प्रयास करना चाहिए।
मुख्यमंत्री यहां अपने सरकारी आवास पर झांसी जिले में आयोजित स्ट्राॅबेरी महोत्सव का वर्चुअल माध्यम से शुभारम्भ करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एमएसएमई नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव देवेश चर्तुेवेदी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूदा थे। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम के साथ जुड़े हुए थे।
योगी ने कहा कि मौजूदा केंद्र व राज्य सरकार लगातार किसानों के हित व कल्याण के लिए कार्य कर रही हैं। इस क्रम में किसान को खेत से बाजार तक विभिन्न सुविधाएं दी जा रही हैं। केंद्र व राज्य सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं के माध्यम से किसान बाजार की ज़रूरतों की पूर्ति करने के साथ ही, आम उपभोक्ता को भी महंगाई से बचा सकते हैं और अपनी आमदनी में भी वृद्धि कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पिछले साल, काफी समय से लंबित बाण सागर सिंचाई परियोजना को पूरा किया गया है। मध्य गंगा नहर, सरयू नहर सहित एक दर्जन सिंचाई परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया जा रहा है। इससे 20 लाख हेक्टेयर की अतिरिक्त सिंचन क्षमता सृजित होगी।
मुख्यमंत्री ने झांसी की भूमि को अपने परिश्रम और पुरुषार्थ से स्ट्राॅबेरी की खेती के अनुकूल बनाने के लिए यहां के किसानों और नागरिकों की सराहना करते हुए कहा कि बुंदेलखंड की धरती पर स्ट्राॅबेरी महोत्सव का आयोजन देश व प्रदेश के लिए नया संदेश है। इससे बुंदेलखंड के बारे में लोगों की धारणा में सकारात्मक परिवर्तन आएगा। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड सभी सम्भावनाओं और क्षमताओं से परिपूर्ण है। समुचित अवसर और मंच मिलने पर यहां के किसान और नागरिक अपनी क्षमताओं को साकार रूप दे सकते हैं।
योगी ने कहा कि काम करने की इच्छाशक्ति होने पर व्यक्ति कठिन से कठिन चुनौती का सामना कर परिणाम दे सकता है। स्ट्राॅबेरी सामान्यतः शीतोष्ण जलवायु की फसल है। झांसी में पहले इसे घर की छत पर उगाया गया। इसके बाद खेतों में इसकी फसल उगाई गयी। इसमें सफलता मिलने के बाद आज झांसी में स्ट्राॅबेरी महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। यह एक चमत्कार है। उन्होंने आशा जतायी कि यह महोत्सव बुंदेलखंड को नयी पहचान दिलाएगा।
मुख्यमंत्री ने सुल्तानपुर जिले के किसान द्वारा ड्रैगन फ्रूट की खेती किये जाने का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश के कई जिलों में किसानों ने अपने परिश्रम से ऐसी फसलें उगायीं हैं, जिनके बारे में धारणा थी कि इन फसलों को वहां नहीं उगाया जा सकता। उन्होंने कहा कि स्ट्राॅबेरी महोत्सव सभी परिश्रमी और प्रगतिशील किसानों के लिए प्रेरणादायी है। यह किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ ही मार्केट की जरूरतों को पूर्ण करने में भी सहायक है।
योगी ने कहा कि झांसी के स्ट्राॅबेरी महोत्सव की तरह ही सुल्तानपुर में ड्रैगन फ्रूट, सिद्धार्थनगर में काला नमक चावल, चंदौली में ब्लैक राइस, बाराबंकी में सब्जी, कौशाम्बी व प्रयागराज में अमरूद, प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र के जिलों में आर्गेनिक गुड़, कुशीनगर में केले की फसलों को केंद्र में रखकर प्रयास किये जाने चाहिए। कृषि एवं उद्यान विभाग प्रदेश के अन्य जिलों में अलग और विशिष्ट फसलों पर केंद्रित महोत्सव के आयोजन की दिशा में प्रभावी और सार्थक प्रयास करे।
मुख्यमंत्री जी ने झांसी में स्ट्राॅबेरी की खेती में टिश्यू कल्चर के प्रयोग की सराहना करते हुए कहा कि तकनीक के प्रयोग से फसलों की लागत कम की जा सकती है। साथ ही, उत्पादन में बड़ी मात्रा में वृद्धि संभव है। इससे किसान की आमदनी भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की भूमि अत्यन्त उर्वरा है। सरफेस वाटर के उचित नियोजन एवं ड्रिप इरीगेशन को प्रोत्साहित कर सिंचन क्षमता में भी व्यापक वृद्धि भी की जा सकती है।