भक्तों ने अभिषेक, कीर्तन और नृत्य के साथ मनाया उत्सव
लखनऊ। सुशांत गोल्फ सिटी स्थित इस्कॉन मंदिर में शनिवार को श्री बलराम पूर्णिमा महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। मंदिर के अध्यक्ष अपरिमेय श्याम प्रभु जी ने अपनी कथा में बलराम जी के आविर्भाव के रहस्य पर प्रकाश डाला।
उन्होंने बताया कि हमारे हृदय में भगवान का आविर्भाव तभी संभव है जब हम छह अनर्थों – काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद और मत्सर्य को समाप्त करें। यह केवल गुरु की शरणागति से ही संभव है।
प्रभु जी ने बलराम जी की एक प्रमुख लीला का वर्णन किया। वृंदावन के बारह वनों में से एक तालवन में अति स्वादिष्ट फल पाए जाते थे। लेकिन कृष्ण-बलराम के सखा इन फलों का आनंद नहीं ले पाते थे। वहां धेनुकासुर नामक राक्षस गधे के रूप में रहता था। बलराम जी ने उसकी पूंछ पकड़कर चारों तरफ घुमाते हुए फेंककर उसका वध किया।
अपरिमेय श्याम प्रभु जी ने बताया कि श्री बलराम जी अनंत ब्रह्मांडों का भार ग्रहण कर भगवान की सेवा करते हैं। वे आध्यात्मिक जगत के एक चौथाई भाग के पालनकर्ता हैं और गुरु तत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बलराम जी की कृपा के बिना भगवान की भक्ति और कृष्ण प्रेम प्राप्त करना असंभव है।
उत्सव का प्रारंभ शाम 6:30 बजे हुआ। अपरिमेय श्याम प्रभु जी ने बलराम जी का अभिषेक किया। सभी भक्तों ने उत्साह और उमंग के साथ विशेष आरती, कीर्तन और नृत्य में भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित भक्तों ने स्वादिष्ट एकादशी प्रसाद ग्रहण किया।