लखनऊ। किसानों की आय दुगुनी करने की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुहिम रंग ला रही है। आगरा के एक फार्मर्स प्रोड्यूसर आर्गनाईजेशन (एफपीओ) ने प्रदेश की पहली निजी मंडी खोलने की तैयारी कर ली है। अपने आप में अनूठी इस मंडी में किसान की फसल किसान ही खरीदेंगे और उसे आजादपुर मंडी के आढ़तियों और बिग बास्केट सहित मल्टीनेशनल कंपनी आईटीसी को बेचेंगे। इसके लिए एफपीओ ने मंडी परिषद के माध्यम से प्रस्ताव शासन को भेजा है। उम्मीद है कि शासन की ओर से जल्द लाइसेंस जारी कर दिया जायेगा।
दिव्यभूमि एग्रीक्राप प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड में आगरा के आसपास के 20 से ज़्यदा गांवों के 500 से अधिक किसान जुड़े हैं। इस एफपीओ ने ब्लॉक सैंयां छितापुरा नंगला बिरई में तीन बीघे जमीन में निजी मंडी खोलने की तैयारी की है। फिलहाल, दिव्यभूमि एफपीओ मल्टीनेशनल कंपनियों की तर्ज पर खेत से लेकर घर तक सब्जी पहुंचा रही है यानि उत्पादन भी खुद कर रही और बिकवाली भी खुद ही कर रही है। इसे एफपीओ ने फ्रेश ट्रे का नाम दिया है और आनलाइन फॉर्म टू होम के कांसेप्ट के तहत काम कर रही है। एफपीओ ने आगरा में सब्जी की आपूर्ति के लिए 15 केंद्र बनाये हैं और साल के अंत तक करीब 50 और बनाने की योजना है। इसके अलावा एमसीएक्स पर सरसों के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है।
एफपीओ ने पिछले साल हुए लॉकडाउन को अवसर में बदल दिया। आगरा में 63 हाउसिंग सोसाइटी में करीब आठ सौ परिवारों को घर-घर सब्जी बेचे। इसके अलावा करीब 600 परिवारों को आनलाइन सब्जियों की डिमांड पर आपूर्ति की। आनलाइन टैक्सी की तर्ज पर खेत से सब्जी के ठेले तक पहुंचाई जा रही है। केंद्र सरकार की एक योजना के तहत आगरा की सब्जी को विदेशों में भी भेजने की तैयारी है। एफपीओ की ओर से एग्री ओरिएंटेड फार्मिंग के लिए 20 से 50 हेक्टेयर भूमि पर खेती कराने के लिए किसानों से संपर्क किया जा रहा है। इसमें अलग-अलग गांव एक ही सब्जी की खेती करेंगे और उसे एक्सपोर्ट किया जायेगा।
एफपीओ का सीड प्रासेसिंग सेंटर और सीड वेयर हाउस का प्रोजेक्ट मंजूर हो गया है। इसमें सरकार की ओर से 60 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है। एफपीओ ने लागत को कम करने के लिए बीज उत्पादन का लाइसेंस लिया है। किसान बीज उत्पादन करेंगे और जरूरत के अनुसार उपयोग करेंगे। साथ ही बाजार में बेचा भी जायेगा। इसके लिए बीज के 15 दुकानों से समझौता किया गया है। इसके अलावा एफपीओ 15 लाख की मशीनरी पर सरकार ने 12 लाख का अनुदान दिया है।
एफपीओ ने स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को भी जोड़ा है। पापड़, मसाला, दाल की बड़ी और अचार बना रही हैं और आनलाइन बेचा जा रहा है। इसके अलावा पीली सरसों का तेल भी बेचेंगे। एफपीओ अपने रिटेल काउंटर भी लांच करने वाली है और हमारे सारे उत्पाद रखे जाएंगे। हमारी सब्जी पर बारकोड भी होगा, जिससे यह तक पता चल जाएगा कि किस किसान ने उगाई है।
एफपीओ के सीईओ मृणाल अग्रवाल केंद्र सरकार के तीनों कृषि बिलों के बारे में कहते हैं कि जब तक ओपन प्लेटफॉर्म नहीं होगा, तब तक कंपटीशन नहीं होगा। यह कानून बहुत पहले आ जाना चाहिए थे। इस कानून ने बाउंड्री खत्म कर दी। जिस तरह से हमने आनलाइन सब्जी बिकवा दी, अगर यह कानून नहीं आता, तो यह संभव नहीं होता।