नौ जिले कोरोना मुक्त, 140 ठीक होकर पहुंचे घर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस संक्रमण का प्रकोप कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। मंगलवार को प्रदेश के 53 जिलों से संक्रमण के 110 मामले सामने आये हैं, जबकि एक्टिव केसेस की संख्या भी बढ़ कर 1134 हो गयी है। अब तक प्रदेश में कोरोना संक्रमण के कुल मामले बढ़ कर 1294 हो गए हैं। सूबे में अब तक संक्रमण से मरने वालों की संख्या 18 है।
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी के साथ संयुक्त प्रेससवार्ता में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि अब तक 140 लोगों को संक्रमण समाप्त होने के बाद घर भेजा जा चुका है। मौजूदा समय में प्रदेश के नौ जिलों में एक भी एक्टिव केस नहीं है। इस समय लॉकडाउन, क्वारंटाइन, टेस्टिंग और इलाज के माध्यम से 44 जिलों में कन्टेनमेंट और सर्विलांस की कार्यवाही लगातार चल रही है।
प्रमुख सचिव ने कहा कि सभी जिलों में युद्धस्तर पर कन्टेनमेंट की कार्यवाही चल रही है। इसके लिए जो कांटेक्ट ट्रेसिंग (संपर्क में आये लोगों की पहचान करने की) की कार्यवाही की जा रही है। सोमवार को प्रदेश में 1748 सर्विलांस टीमों ने पूरे प्रदेश में काम किया है और अभी तक 23000 से ज्यादा टीम कांटेक्ट ट्रेसिंग पर काम कर चुकी हैं। आइसोलेशन वार्डस में आज की तारिख में 1242 मरीज भर्ती हैं। इसी तरह 10800 लोग फैसिलिटी क्वारंटाइन में हैं। उन्होंने कहा कि फैसिलिटी क्वारंटाइन में जो पॉजिटिव मरीज होता है, उसके परिवार वालों, रिश्तेदार या हाल फिलहाल में उनके संपर्क में आय लोगों को रखा जाता है।
प्रसाद ने बताया कि क्वारंटाइन में रखे गए लोगों की टेस्टिंग कराई जाती है और रिपोर्ट के हिसाब से या तो उनको आइसोलेट करते हैं या फिर क्वारंटाइन में ही रखा जाता है। जितने भी मामले सामने आये हैं, वह सभी यहीं से आये हैं। यह अच्छी चीज है कि जितनी जल्दी हो सके पॉजिटिव केसेस को वहां से निकाल लें, ताकि कम्युनिटी में और लोगों को संक्रमण न हो।
प्रमुख सचिव ने बताया कि सोमवार को 3039 सैंपल टेस्टिंग के लिए भेजे गए थे और अब तक 2800 की टेस्टिंग की जा चुकी है। पूल टेस्टिंग की कार्यवाही लगातार चल रही है, लेकिन ऐसे इलाकों में जहां पॉजिटिव केसेस के संभावना कम होती है।
उन्होंने साफ किया कि पूल टेस्टिंग उन इलाकों में नहीं की जाती है जहां से संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। पूल टेस्टिंग सिर्फ बफर जोन में ही कराई जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके की कहीं वहां भी कोई संक्रमित मरीज तो नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रयास किये जा रहे हैं कि किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के अलावा अन्य लैबों में भी पूल टेस्टिंग हो सके।