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20 जिले बाढ़ से प्रभावित, युद्धस्तर पर कर रहे पीड़ितों की मदद
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के माध्यम से देश के बाढ़ग्रस्त राज्यों के मुख्यमंत्रियों से उनके राज्य में बाढ़ की स्थिति और देश में फ्लड मैनेजमेंट के बारे में किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की।
इस दौरान उत्तर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति एवं बाढ़ नियंत्रण से संबंधित कार्यों के विषय में बताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य के 40 जिले बाढ़ के प्रति संवेदनशील हैं।
इनमें हर साल लगभग 16 लाख हेक्टेयर भूमि और 70 लाख आबादी प्रभावित होती है। बाढ़ की दृष्टि से 8 मुख्य नदियां घाघरा, राप्ती, गंडक, गंगा, यमुना, गोमती, सोन तथा रामगंगा हैं और चार सहायक नदियां बेतवा, केन, रोहिन, बूढ़ी गंडक महत्वपूर्ण हैं। योगी ने कहा कि प्रदेश में बाढ़ पीड़ितों को युद्धस्तर पर राहत पहुंचायी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सामान्य से कम वर्षा के बावजूद पूर्वांचल के 15 जनपदों में बाढ़ का ज्यादा प्रभाव है। नेपाल एवं उत्तराखंड में सामान्य से लगभग 20 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है, जिससे चार नदियां घाघरा, राप्ती, शारदा एवं गंडक खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं।
योगी ने कहा कि इस समय प्रदेश के 20 जिले आंबेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, गोंडा, गोखरपुर, लखीमपुर खीरी, कुशीनगर, महाराजगंज, मऊ, पीलीभीत, प्रतापगढ़, संतकबीर नगर, सिद्धार्थनगर तथा सीतापुर बाढ़ से प्रभावित हैं।
आजमगढ़, मऊ और गोंडा में तीन तटबंध क्षतिग्रस्त हुए, जिनकी मरम्मत कर ली गयी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि बाढ़ से इन 20 जिलों में 1,04,562 परिवार (5,75,094 जनसंख्या) और 76,723 पशु तथा 38,248 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है।
कृषि क्षति का विस्तृत सर्वे कराया जा रहा है। बाढ़ बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ की 15 टीमें, एसडीआरएफ की 09 टीमें और पीएसी की 17 बाढ़ कंपनियां तैनात हैं। राहत आयुक्त कार्यालय में 24 घंटे एकीकृत आपदा नियंत्रण केंद्र और 1070 हेल्पलाइन चलायी जा रही है। इस साल बाढ़ बचाव की 83 परियोजनाएं (लागत 856.62 करोड़ रुपये) अब तक पूरी की जा चुकी हैं।
योगी ने यह भी बताया कि हर साल नेपाल की सीमा पर गंडक नदी पर बाढ़ परियोजनाएं केंद्र के वित्त पोषण से निर्मित की जाती हैं, लेकिन इस साल कोरोना के कारण नेपाल के द्वारा अपने क्षेत्र में आने वाली बाढ़ परियोजनाओं के क्रियान्वयन की अनुमति नहीं दी गयी, जिससे वहां की भौगोलिक सीमा में स्वीकृत 11 नयी परियोजनाएं बाढ़ पूर्व क्रियान्वित नहीं की जा सकीं।