योगी मंत्रिमंडल का हुआ विस्तार

जितिन प्रसाद समेत सात मंत्रियों ने ली शपथ, हर वर्ग व हर क्षेत्र को मिली तरजीह

लखनऊ। भाजपा सरकार के बहुप्रतीक्षित तीसरे मंत्रिमंडल विस्तार में सबका साथ, सबका विकास फार्मूले को मूर्त रूप दिया गया है। कैबिनेट विस्तार में हर तबके को प्रतिनिधित्व दिया गया है। साथ ही सामाजिक संतुलन का भी ध्यान रखा गया है। विस्तार से भाजपा ने लोगों में समरसता का संदेश और अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को अवसर दिया है। इसके अलावा पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सपने को साकार करने की दिशा में बड़ी पहल की गयी है। जिन सात नेताओं को मंत्री पद से नवाजा गया है, उनमें जितिन प्रसाद ने कैबिनेट मंत्री तथा संगीता बलवंत बिंद, धर्मवीर प्रजापति, पलटूराम सोनकर, दिनेश खटिक, संजीव कुमार गोंड और छत्रपाल सिंह गंगवार ने राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। रविवार को हुए मंत्रिमंडल विस्तार में सरकार ने सोशल इंजीनियरिंग के साथ क्षेत्रीय समीकरण का भी खासा ध्यान रखा है। नये मंत्रियों में ज्यादातर चेहरे युवा हैं। सामाजिक समीकरण को अगर देखें, तो एक सवर्ण जाति से ब्राह्मण, तीन ओबीसी, एक अनुसूचित जनजाति और दो अनुसूचित जाति के नेताओं को मंत्री बनाया गया है। चुनाव के ठीक पहले भाजपा के इस गुगली से विपक्षी दलों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं।
मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करके कहा भी कि ‘आज सम्पन्न हुआ मंत्रिमंडल का विस्तार पं. दीनदयाल उपाध्याय जी के दर्शन को प्रतिबिंबित करता है। आज का विस्तार हर तबके को प्रतिनिधित्व, सामाजिक संतुलन की भावना, समरसता का संदेश तथा अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को अवसर प्रदान करने की मंशा से ओतप्रोत है।’ अपने दूसरे ट्वीट में योगी ने कहा कि ‘आज उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल में शामिल हुए सभी नये सदस्यों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। पूर्ण विश्वास है कि आपकी ऊर्जा, प्रतिबद्धता, अनुभव एवं जन पक्षधरता ‘अंत्योदय’ के संकल्प को साकार करने में सहयोगी सिद्ध होगी। आप सभी के उज्ज्वल कार्यकाल हेतु अनंत मंगलकामनाएं।’

 

जितिन प्रसाद शाहजहांपुर से ब्राह्मण और सवर्ण चेहरे हैं और हाल ही में कांग्रेस छोड़कर उन्होंने भाजपा का दामन थामा था। कांग्रेस सरकार में वह दो बार केंद्रीय राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। भाजपा ने उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया है। इसी तरह गाजीपुर से संगीता बलवंत बिंद सदर सीट से विधायक हैं। पिछड़ी जाति (मल्लाह) समाज से आती हैं और 2017 में पहली बार विधायक चुनी गयी हैं। इन्हें राज्य मंत्री बनाया गया है। आगरा से धर्मवीर प्रजापति (कुम्हार) विधान परिषद सदस्य हैं और उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं। ये पश्चिमी यूपी से हैं और ओबीसी समाज से आते हैं। इन्हें भी राज्यमंत्री बनाया गया है। बलरामपुर सदर से पलटूराम सोनकर विधायक हैं। वह 2017 में पहली बार चुनाव जीते थे। अनुसूचित जाति से आने पलटूराम की दलित समुदाय में अच्छी पकड़ है। इन्हें राज्यमंत्री बनाया गया है। मेरठ जिले के हस्तिनापुर विधानसभा सीट से दिनेश खटिक विधायक हैं और वह 2017 में पहली बार विधायक बने थे। इससे पहले वह संगठन में कई पदों पर रह चुके हैं। यह भी दलित समुदाय से आते हैं और इन्हें भी राज्यमंत्री बनाया गया है।

 

 

सोनभद्र जिले के ओबरा सीट से संजीव कुमार गोंड पहली बार 2017 में विधायक बने थे। वह अनुसूचित जनजाति समाज से आते हैं और उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया है। छत्रपाल सिंह गंगवार बरेली जिले की बहेड़ी विधानसभा सीट से दूसरी बार विधायक चुने गये हैं। वह कुर्मी समाज से आते हैं और भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। इन्हें भी राज्यमंत्री बनाया गया है।


जितिन प्रसाद, संजय निषाद विधान परिषद में हुए मनोनीत

लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर लगातार अपना जातीय समीकरण दुरुस्त करने में लगी है। योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल के दूसरे विस्तार के बाद मनोनीत विधान परिषद सदस्यों का नाम फाइनल करने में भी भाजपा ने बेहद सधा कदम रखा है। मंत्रिपरिषद विस्तार की तरह ही विधान परिषद में सदस्यों के मनोनयन में भी क्षेत्रीय व जातिगत संतुलन बनाने का प्रयास किया गया है। भाजपा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाली कोर कमेटी की बैठक में मनोनीत विधान परिषद सदस्यों का भी नाम फाइनल किया था। जिस पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने भी रविवार को अपनी मुहर लगी दी है। कांग्रेस से भाजपा में आये जितिन प्रसाद, निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय निषाद, गोपाल अंजान भुर्जी और चौधरी वीरेन्द्र सिंह गुर्जर को विधान परिषद सदस्य मनोनीत किया गया है। राजभवन ने इनके नाम पर मुहर लगा दी है। निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय निषाद ने पिछले दिनों भाजपा के साथ विधानसभा चुनाव 2022 के लिए गठबंधन किया था। संजय निषाद की निषाद पार्टी के गठबंधन की घोषणा केंद्रीय मंत्री और यूपी चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने की थी। उन्होंने कहा कि भाजपा निषाद पार्टी और अनुप्रिया पटेल वाले अपना दल के साथ मिल कर मजबूती से चुनाव लड़ेगी। उनके बेटे प्रवीण निषाद भाजपा से संतकबीर नगर से सांसद हैं।
मुरादाबाद के गोपाल अंजान भुर्जी प्रदेश सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री की हैसियत रखने वाले उत्तर प्रदेश खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के उपाध्यक्ष हैं। प्रदेश की राजनीति में पहली बार भुर्जी समुदाय के नेता को एमएलसी भी बनाया गया है। इससे इन जातियों में भाजपा की पकड़ मजबूत होगी और सामाजिक संतुलन सधने से 2022 में जीत की राह भी प्रशस्त होगी। भाजपा ने मार्च 2019 में सपा के वरिष्ठ नेता वीरेन्द्र सिंह गुर्जर को पार्टी में शामिल कराया था। अब उनको विधान परिषद सदस्य मनोनीत किया है। वीरेंदर सिंह पहले राष्ट्रीय लोकदल में थे। मुलायम सिंह यादव की वर्ष 2003 से मई 2007 तक की सरकार में वह लोकदल कोटे से ही कबीना मंत्री रहे थे। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गुर्जर समाज में सबसे प्रतिठति परिवारों में से चौधरी वीरेन्द्र सिंह का भी परिवार है। माना जा रहा है कि भाजपा उनके प्रभाव का प्रयोज कैराना, बिजनौर, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, मुजफ़्फरनगर, सहारनपुर, अमरोहा, गाजियाबाद और बुलंदशहर यूपी की गुर्जर बाहुल्य सीटों पर करेगी। वीरेन्द्र सिंह शामली के कैराना के हैं। वह छह बार विधायक भी रह चुके हैं।

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