मोहम्मद रफी की याद में एक भव्य संगीतमय संध्या का आयोजन
लखनऊ। उत्तर प्रदेश आर्टिस्ट संगठन एवं वन मोर संस्था के संयुक्त तत्वाधान में मोहम्मद रफी नाइट खुदा की कसम लाजवाब हो का मंचन सफलतापूर्वक आयोजित हुआ हिंदी फिल्म संगीत के अमर गायक पद्मश्री स्वर सम्राट मोहम्मद रफी की याद में एक भव्य संगीतमय संध्या का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नितिन मिश्रा एव महेश सिंह पटेल तथा ज्ञानेश्वर शर्मा ने दीप प्रज्वलित कर सभी कलाकारों व गायको को सम्मानित किया तथा बताया कि पद्मश्री मोहम्मद रफी के गाने आज भी सबको याद है। यह कार्यक्रम उनकी पुण्य तिथि के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है जिसमें उनके कालजई गीतों को नए कलाकारों और अनुभवी गायको द्वारा प्रस्तुत किया गया है। इस अवसर पर निम्न गानों की प्रस्तुतियां हुई जिसमें चौदवीं का चांद हो…, जाने वालों जरा मुड़ के…, रंग और नूर की बारात किसे पेश करूं…, लिखे जो खत तुझे…, आज पुरानी राहों से…, बदन पे सितारे लपेटे हुए, तुम जो मिल गए हो, खोया खोया चंद, डफली वाले डफली बजा, इस रेशमी पाजेब की झंकार…जैसे मनमोहक गीतों को पेश किया। संचालक अरशद खान ने सभी गानों के विषय में विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर सभी गायको कुलदीप सिंह चौहान जमाल खान जावेद गोरी सत्येंद्र आर्य, दिव्यांशी मौर्यस कमसल खान आयुषी पांडे एवं सनी गांधी ने अपनी मनमोहक गायकी तथा आवाज से सभी को भाव विभोर कर दिया स अंतर्राष्ट्रीय म्यूजिक बैंड वायलेट ग्रुप के अनुराग श्रीवास्तव ने संगीत से इस कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। कार्यक्रम के आयोजन वामिक खान एवं असलम खान ने कहा कि मोहम्मद रफी की आवाज केवल एक गायक की नहीं बल्कि एक युग की पहचान है यह आयोजन उनकी स्मृति को श्रद्धांजलि देने का एक विनम्र प्रयास है। इस अवसर पर समाज के विभिन्न लोगों को मुख्य अतिथि ने सम्मानित किया श्री इंसराम अली, डॉ आर्दश त्रिपाइठी, मनीष मिश्रा, दबीर सिद्दीकी, मनीष गुप्ता, डॉ जफर खान आदि को अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हेतु सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से मुरलीधर आहूजा एडविन मासी दामिनी सिंह दीप सचार सन लाल मुर्तजा अली, जुबेर अहमद, अब्दुल वाहिद सुफियान आरिफ खान, शान फरीदी, उजैर अहमद आदि लोग प्रमुख स्वरूप से उपस्थित रहे ।