बांदा/लखनऊ (उप्र)। उत्तर प्रदेश पुलिस ने करीब दो साल पंजाब की जेल में रहे बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक एवं गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को बुधवार तड़के कड़ी सुरक्षा के बीच बुंदेलखंड की बांदा जेल में स्थानांतरित किया। उत्तर प्रदेश सरकार मुख्तार की विधानसभा सदस्यता समाप्त कराने को लेकर कानूनी राय ले सकती है।
इस बीच, लखनऊ में एमपी-एमएलए (सांसद-विधायक) की विशेष अदालत ने अभियुक्त मुख्तार अंसारी को साल 2000 में कारापाल और उप कारापाल पर हमला करने, जेल में पथराव करने तथा जानमाल की धमकी देने के मामले में आरोप तय करने के लिए 12 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है। मुख्तार अंसारी के बड़े भाई एवं गाजीपुर से बसपा के सांसद अफजाल अंसारी ने पंजाब की रोपड़ जेल से बांदा लाते समय मुख्तार अंसारी के साथ अमानवीय बर्ताव किए जाने का आरोप लगाया है।
बांदा के अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) महेंद्र प्रताप सिंह चौहान ने बुधवार को पीटीआई-भाषा से कहा, उत्तर प्रदेश पुलिस के एक विशेष दल ने गैंगस्टर और मऊ के बसपा विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब की रोपड़ जिला जेल से अपनी हिरासत में लेने के बाद बुधवार तड़के साढ़े चार बजे बांदा जेल में स्थानांतरित कर दिया।ै मुख्तार अंसारी को जबरन वसूली के एक मामले में पंजाब की रोपड़ जेल में रखा गया था।
मुख्तार अंसारी को यहां लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और पंजाब सरकार के बीच उच्चतम न्यायालय में मुकदमा चला। उच्चतम न्यायालय ने 26 मार्च को मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश भेजने का आदेश दिया। शीर्ष अदालत ने पंजाब की जेल में बंद अंसारी को दो सप्ताह में उत्तर प्रदेश भेजे जाने का निर्देश दिया। उच्चतम न्यायालय ने अंसारी की हिरासत स्थानांतरण याचिका पर यह फैसला सुनाया था। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार ने पंजाब की कांग्रेस सरकार पर मुख्तार को संरक्षण देने का आरोप लगाया था।
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार के मुताबिक, अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों में 52 मामले दर्ज हैं। इसी बीच, लखनऊ में बुधवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि पुलिस का विशेष सुरक्षा दल पंजाब की रोपड़ जेल से विचाराधीन कैदी मुख्तार अंसारी को बुधवार तड़के लगभग चार बजकर 50 मिनट पर बांदा जिला जेल के मुख्यद्वार पर लाया और तड़के लगभग पांच बजे उसे कारागार के अंदर लाया गया।
बयान के अनुसार, मेडिकल कॉलेज बांदा के चिकित्सकों के दल ने मुख्तार अंसारी के स्वास्थ्य की जांच की और स्वास्थ्य में तात्कालिक तौर पर कोई समस्या नहीं पाई गई। वहीं दूसरी ओर प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार विधानसभा की कार्यवाही से लगातार गैरहाजिर रहने को आधार बनाकर मुख्तार की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने पर विधिक राय ले सकती है। उन्होंने कहा ‘जहां तक मुख्तार अंसारी का सवाल है, वह निश्चित रूप से यह समझ ले कि जिन लोगों को सजा हो जाती है उनकी सदस्यता जाने का प्रावधान है लेकिन सदन से लगातार 60 दिन तक गैरहाजिर रहने पर भी संविधान में यह प्रावधान है कि उस आधार पर भी सदस्यता जा सकती है।’
खन्ना ने मुख्तार अंसारी की सदस्यता समाप्त कराने के बारे में कहा, ‘इसके ऊपर और अधिक विधिक राय ली जा सकती है क्योंकि वह लगातार जेल में है।’ आधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्तार अंसारी की सुरक्षा के लिए जेल प्रशासन ने पर्याप्त इंतजाम किए हैं। मुख्तार अंसारी को बैरक संख्या 16 में रखा गया है जो 24 घंटे कैमरे की निगरानी में है।
बयान के अनुसार कारागार की प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्था के लिए नगर मजिस्ट्रेट बांदा को प्रभारी जेल अधीक्षक बनाया गया है। बयान में कहा गया कि रोपड़ जेल में मुख्तार अंसारी की कोरोना वायरस संबंधी जांच किए जाने की कोई रिपोर्ट कारागार को प्राप्त नहीं हुई है, इसलिए बुधवार को बांदा जेल में उसकी जांच कराई जाएगी।