लखनऊ। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के चलते उत्तर प्रदेश की बिगड़ी हुई आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए योगी सरकार ने बुधवार को दो बड़े निर्णय लिए हैं। सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दामों में 2 रुपये और 1 रुपये की वृद्धि करने के अलावा सभी तरह की शराब, देशी, इंडियन मेड फॉरेन लिकर (आईएमएफएल) और इम्पोर्टेड वाइन के दाम भी बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। यह दोनों फैसले बुधवार रात से लागू होंगे और इससे सरकार को मौजूदा वित्तीय वर्ष में लगभग 4500 करोड़ रुपये का अतरिक्त राजस्व मिले की संभावना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए प्रदेश के वित्त सुरेश खन्ना ने बताया, ’22 मार्च से लगातार चल रहे लॉकडाउन की वजह से प्रदेश के आर्थिक संसाधन काफी कम हुए हैं। वैसे अप्रैल महीने में टैक्स कलेक्शन कम होता है, लेकिन इस महीने में ही हमारी मांग 12141 करोड़ की थी। उसकी तुलना में हमारा कलेक्शन सिर्फ 1178 करोड़ हुआ जो अपने आप में बहुत नीचे आया। हमारी आर्थिक स्थिति बहुत कमज़ोर रही। मौजूदा स्थति को देखते हुए ज़रूरी था कि हम अतरिक्त संसाधन जुटाएं। इस दिशा में आज मंत्रिमंडल ने महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।’
खन्ना ने कहा कि सरकार ने डीजल और पेट्रोल की कीमतों में 1 रुपये और 2 रुपये बढ़ाने का निर्णय हुआ है। इस निर्णय के बाद उत्तर प्रदेश में पेट्रोल की नयी दर 71.91 रूपये प्रति लीटर से बढ़ कर 73.91 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी। इसी तरह डीजल की कीमत भी 62.86 रुपये प्रति लीटर से बढ़ पर 63.86 रुपये हो जाएगी। यह कीमत तत्काल प्रभाव से मतलब बुधवार रात 12 बजे से लागू हो जाएंगी।
खन्ना ने बताया कि पेट्रोल और डीजल की दरें बढ़ने से सरकार को मौजूदा वित्तीय वर्ष 2020-21 में 2070 करोड़ रुपये का अतरिक्त कर मिलने की संभावना है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की तुलना में जहां सरकार ने एक साथ 7 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की है, यूपी सरकार ने किसानों, ट्रांसपोर्टेशन और उद्योगों की मांग को देखते हुए डीजल की कीमत में बेहद मामूली बढ़ोतरी की है।