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UP Board Exam : यूपी में 10वीं की बोर्ड परीक्षा निरस्त, जुलाई में होगा 12वीं का एग्जाम

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस संमक्रण की सेकेंड स्ट्रेन के कारण उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल की परीक्षा को निरस्त कर दिया है। सरकार ने प्रदेश में परिस्थितियां अनुकूल होने पर जुलाई के दूसरे सप्ताह से इंटरमीडिएट की परीक्षा को कराने की योजना भी बनायी है। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने शनिवार को इसकी घोषणा कर दी। उन्होंने बताया कि सरकार ने मंथन के बाद 2021 की हाईस्कूल की परीक्षा को निरस्त किया है। डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस के कहर के कारण आगे की परिस्थितियां अनुकूल होने पर वर्ष 2021 की कक्षा 12 की परीक्षा जुलाई के द्वितीय सप्ताह में करायी जायेगी।

परीक्षा अवधि डेढ़ घंटा रखी जायेगी। इसमें परीक्षार्थियों को मात्र तीन प्रश्नों का उत्तर देना पड़ेगा। कक्षा 10 के साथ ही सभी बोर्ड के समस्त स्कूलों के कक्षा 6, 7, 8, 9 एवं 11 के छात्रों को भी प्रोन्नत किया जायेगा। शर्मा ने कहा कि यूपी के 56 लाख छात्रों के हित में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से फैली महामारी के कारण उत्पन्न असाधारण परिस्थितियों में सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सम्पन्न बैठक में व्यापक छात्र हित तथा जनहित में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की 2021 की कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय से 29,94,312 बच्चों को बड़े संकट में फंसने से मुक्ति मिलेगी। कक्षा 10 के बच्चों के कक्षा 11 में प्रोन्नति के विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार करने का निर्देश भी उत्तर प्रदेश मध्यमिक शिक्षा परिषद को दिया गया है।

डॉ. शर्मा ने बताया कि कक्षा 12 की परीक्षा के महत्व तथा छात्रों के भविष्य पर इंटरमीडिएट परीक्षा के अंकों की भूमिका के कारण ही सभी सावधानियां बरतते हुए तथा कोविड महामारी से बचाव के सभी नियमों का पालन करते हुए अनुकूल परिस्थितियों में 2021 की इंटरमीडिएट परीक्षा जुलाई के द्वितीय सप्ताह में कराने की योजना भी बना ली गयी है। इसकी विस्तृत समय सारणी शीघ्र घोषित की जायेगी। इस वर्ष भी परीक्षा 15 कार्य दिवसों में ही होगी। छात्रों के हित में यह निर्णय भी लिया गया है कि प्रश्न पत्र की अवधि मात्र डेढ़ घंटे रखी जायेगी तथा छात्रों को प्रश्न पत्र के 10 में से सिर्फ तीन सवालों का ही उत्तर देना होगा। बच्चों के मध्य फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाये रखने के लिए इस वर्ष केंद्रों की संख्या में वृद्धि की गयी है। सभी परीक्षा केंद्रों को लगातार सेनेटाइज भी किया जायेगा। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा में इस साल 26,10,316 छात्रों का पंजीकरण हुआ है।

शर्मा ने कहा कि सरकार छात्रों के पठन-पाठन की भी व्यवस्था कर रही है। बेसिक के साथ ही अन्य क्लास के भी बच्चों के लिए आॅनलाइन शिक्षा का इंतजाम किया गया है। सरकार अब हाईस्कूल के 29,94312 बच्चों को कक्षा 11 में प्रोन्नत करने की प्रक्रिया में लगी है। शिक्षा विभाग के अधिकारी और कर्मचारी इस बड़े अभियान में लगे हैं। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में कक्षा 6, 7 ,8 के छात्रों को अगली कक्षा में प्रोन्नति देने का निर्णय का शासनादेश पूर्व में जारी कर दिया गया है। अब यह निर्णय लिया गया है कि यदि किसी बोर्ड विशेष का अन्यथा आदेश न हो, तो प्रदेश के समस्त बोर्ड के समस्त विद्यालयों के कक्षा 6, 7, 8 के छात्रों को अगली कक्षा में सामान्य प्रोन्नति दी जाये। कक्षा 9 एवं 11 के छात्रों को उनकी वार्षिक परीक्षा के परीक्षाफल के आधार पर अगली कक्षा में प्रोन्नति दी जायेगी।

यदि किसी विद्यालय में वार्षिक परीक्षा अभी तक नहीं हो पायी है तो वे छात्र के वर्ष भर किये गये आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा में प्रोन्नत होेंगे। यदि कोई आंतरिक मूल्यांकन उपलब्ध नहीं है, तो सामान्य रूप से छात्र को प्रोन्नति दी जायेगी। यदि बोर्ड विशेष का इस संबंध में कोई आदेश होगा, तो वह लागू होगा अन्यथा कक्षा 6, 7, 8, 9 एवं 11 की उक्त व्यवस्था प्रदेश के समस्त बोर्ड के सभी विद्यालयों पर लागू होगी। इन सभी आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। सभी जिला विद्यालय निरीक्षक को इसके नियमित अनुश्रवण एवं अनुपालन का दायित्व सौंपा गया है। यदि किसी विद्यालय ने इन निर्देशों का पालन नहीं किया, तो अभिभावक जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित नियामक समिति के समक्ष शिकायत करने को स्वतंत्र हैं।

शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश देश का प्रथम राज्य है जिसने 2020 के जुलाई माह में ही करोना महामारी के दृष्टिगत पठन-पाठन में हो रहे व्यवधान से पाठ्यक्रम में 30 प्रतिशत की कमी कर दी थी। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने बीते वर्ष के लॉकडाउन से ही आॅनलाइन शिक्षण के साथ-साथ दूरदर्शन, स्वयं प्रभा चैनल, ई- विद्या चैनल, वर्चुअल स्कूल तथा यूट्यूब पर माध्यमिक शिक्षा परिषद के ई-ज्ञान गंगा चैनल के माध्यम से बच्चों का पठन-पाठन सुनिश्चित किया। साथ ही 29 लाख से अधिक व्हाट्सएप ग्रुप प्रधानाचार्य, शिक्षक एवं छात्रों के बनाये गये। इससे प्रदेश में पठन-पाठन का माहौल बना रहा।

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