नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वह उन डॉक्टरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करे जिन्होंने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के पिता का हिरासत में घायल होने पर इलाज किया था।
जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, उसके भाई और पांच अन्य को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाने के साथ राज्य सरकार को चिकित्सीय लापरवाही के लिए डॉक्टरों पर कार्वाई करने का निर्देश दिया।
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा, उत्तरप्रदेश सरकार संबंधित डॉक्टरों के खिलाफ उचित अनुशासनात्मक कार्वाई करे जिनकी चिकित्सीय लापरवाही से पीड़ित (दुष्कर्म पीड़िता के पिता) की मौत हुई और जांच रिपोर्ट में यह साबित हुआ है।
इससे पहले पीड़ित द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने सीबीआई को डॉक्टरों के खिलाफ जांच करने का निर्देश देने से इनकार करते हुए कहा था कि यह प्रमुख जांच एजेंसी का विशेषाधिकार है कि वह अभियोग चलाए।
हालांकि, अदालत ने कहा कि अगर सुनवाई के दौरान पूरे घटनाक्रम में डॉक्टरों की भूमिका का कोई सबूत सामने आता है तो वह उचित आदेश पारित करेगी। अधिवक्ता धर्मेंद्र मिश्रा की ओर से दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने सेंगर के पक्ष में जानबूझकर दुष्कर्म पीड़िता के पिता का ठीक से इलाज नहीं किया।