नई दिल्ली। उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की शुक्रवार रात 11.40 बजे सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई। उसे गैंगरेप के बाद बुरी तरह से जला दिया गया था। सफदरजंग अस्पताल के प्रवक्ता ने उन्नाव रेप पीड़िता के निधन की पुष्टि की है। पीड़िता का इलाज करने वाले डॉ. शलभ ने कहा कि पीड़िता 95 फीसदी तक जल चुकी थी। उसको बचाने की पूरी कोशिश की गई थी, लेकिन उसको बचाया नहीं जा सका। सफदरजंग हॉस्पिटल के प्रवक्ता ने बताया कि उन्नाव पीड़िता ने रात 11:40 बजे अंतिम सांस ली।
इससे पहले, उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट जारी की गई थी। रिपोर्ट के मुताबित रेप पीड़िता के शरीर पर कोई बाहरी या आंतरिक चोट नहीं मिली है, सिर्फ जलने के साक्ष्य हैं। वहीं, यूपी के आईजी (लॉ एंड आॅर्डर) प्रवीण कुमार ने भी कहा कि पीड़िता को जलाने से पहले या बाद में चाकू मारने या हिंसा की बात नहीं है। उसे बृहस्पतिवार को 90 फीसदी जली हालत में लखनऊ से ग्रीन कॉरीडोर बनाकर एयर एंबुलेंस से दिल्ली लाया गया था।
उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसकी हालत बिगड़ने पर वेंटिलेटर पर रखा गया था। उसके लगभग सभी अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। डॉक्टरों ने आशंका जताते हुए कहा था कि उसके लिए अगले 24 से 48 घंटे काफी महत्वपूर्ण होंगे। उधर, उन्नाव कांड के आरोपियों के रिश्तेदारों ने पीड़िता के परिजनों को अंजाम भुगतने की धमकी भी दी है। जबकि, यूपी सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने के आदेश दिए हैं।
उन्नाव पीड़िता ने भावुक अपील करते हुए कहा है कि मैं मरना नहीं चाहती, बस मेरी ये हालत करने वाला कोई जिंदा न रहे। बता दें कि बलात्कार पीड़िता को जिंदा जलाने की जघन्य वारदात को अंजाम देने वाले आरोपितों की ओर से अब पीड़िता के चाचा और चाची को अंजाम भुगतने के साथ ही दुकान जलाने और जीने न देने की धमकी दी गयी है। वर्तमान में पीड़िता के चाचा अपने परिवार के साथ उन्नाव के गंगाघाट थाना इलाके में सीताराम कालोनी में किराए के मकान में रहकर एक छोटी सी दुकान चलाकर अपना और परिवार का पेट पाल रहे हैं।
दिल्ली में पीड़िता का इलाज कर रहे चिकित्सकों ने शुक्रवार को उसके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी। पीड़िता को बृहस्पतिवार शाम लखनऊ से एयर एम्बुलेंस के माध्यम से दिल्ली लाकर सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. शलभ कुमार ने कहा कि मरीज की हालत बहुत गंभीर है और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। उन्होंने बताया कि पीड़िता के महत्वपूर्ण अंग ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। दिल्ली यातायात पुलिस ने बृहस्पतिवार को पीड़िता को बिना वक्त गंवाए एंबुलेंस से अस्पताल तक पहुंचाने के लिए हवाई अड्डे से अस्पताल तक ग्रीन कॉरीडोर बनाया था।
सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुनील गुप्ता ने कहा कि हमने मरीज के लिए अलग आईसीयू कक्ष बनाया है। चिकित्सकों का एक दल उसकी हालत पर लगातार नजर रख रहा है। इस बीच, उन्नाव मामले की जांच के लिए लखनऊ मंडल के मंडलायुक्त ने एडिशनल एसपी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है और पूरी घटना के बारे में रिपोर्ट जल्द प्रस्तुत करने को कहा है।
कमिश्नर मुकेश मेश्राम ने शुक्रवार को बताया कि गुरुवार शाम को मैंने अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ घटनास्थल का दौरा किया और उन्नाव के एडिशनल एसपी विनोद पांडेय के नेतृत्व में पांच सदस्यीस एसआईटी का गठन किया। इस टीम को पूरे मामले की गहन जांच पड़ताल कर जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा है। उनसे पूछा गया कि क्या एसआईटी की जांच के लिये कोई समयावधि निर्धारित की गई है। इस पर मेश्राम ने कहा कि जांच रिपोर्ट जल्द ही उनके पास आ जाएगी जिसे शासन को भेज दिया जाएगा।
उन्नाव के पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने बताया कि जिले के बिहार थाना क्षेत्र की रहने वाली 23 वर्षीय युवती ने शिवम और शुभम नामक युवकों पर 12 दिसम्बर 2018 को बलात्कार का मामला दर्ज करवाया था। युवती मुकदमे की पैरवी के सिलसिले में रायबरेली रवाना होने के लिये सुबह करीब चार बजे बैसवारा रेलवे स्टेशन जा रही थी।