लोक गीत-संगीत और नृत्य की छटा ने बांधा समां, भारतीय लोकसंस्कृति संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण पहल
लखनऊ । मायापुरी कॉलोनी, अतरौली में स्थित सोशल कल्चरल एंड ह्यूमन डेवलपमेंट सोसाइटी के तत्वावधान में भारतीय पारंपरिक लोक संस्कृति पर आधारित एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन उपवन प्रांगण में किया गया। इस रंगारंग कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्व सैनिक पूरन सिंह अधिकारी द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ।
कार्यक्रम में संस्था के अध्यक्ष ने सभी अतिथियों, सम्माननीय दर्शकों, कलाकारों और मातृशक्ति का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने लोकसंस्कृति के संरक्षण व संवर्धन हेतु इस आयोजन को एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
इस कार्यक्रम में भारतीय लोक परंपराओं, रीति-रिवाजों और सांस्कृतिक विविधताओं की अनूठी झलक देखने को मिली। रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधानों में सजे कलाकारों ने मंच पर जब लोकनृत्य और संगीत की प्रस्तुति दी, तो पूरा प्रांगण तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। दर्शक इस तरह सम्मोहित हो गए मानो वे एक ही मंच पर संपूर्ण भारत की लोकसंस्कृति का नजारा देख रहे हों।
कार्यक्रम का निर्देशन विजय सिंह बिष्ट द्वारा किया गया, जिन्होंने संपूर्ण आयोजन को सौंदर्यपूर्ण और सुव्यवस्थित ढंग से प्रस्तुत किया। गायन प्रस्तुति देने वाले कलाकारों लक्ष्मण, राजेश्वरी, मंजू पांडेय, विमला रावत ने अपनी सुरमयी आवाज से समां बांध दिया।
वहीं, नृत्य प्रस्तुतियों में प्राची रावत, रश्मि सिंह, मानशी, पिहू, जगदी’के और कमल ने पारंपरिक लोक नृत्यों की प्रस्तुति देकर दर्शकों का मन मोह लिया। विशेष रूप से उत्तराखंडी, भोजपुरी, राजस्थानी और पंजाबी लोक नृत्य की झलकियों ने सांस्कृतिक विविधता को जीवंत कर दिया।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में क्षेत्रीय नागरिक, वरिष्ठजन, महिलाएं, बच्चे तथा सांस्कृतिक प्रेमी उपस्थित रहे। सभी ने कार्यक्रम की भूरी-भूरी प्रशंसा की और ऐसे आयोजनों को लगातार आयोजित किए जाने की मांग की। यह आयोजन न केवल मनोरंजन का माध्यम बना, बल्कि भारतीय लोक संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन और नई पीढ़ी तक इसके प्रसार की दिशा में एक सार्थक प्रयास सिद्ध हुआ।