प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि दुनिया में आज ऐसी सरकारों की जरूरत है जो
समावेशी हों और भ्रष्टाचार से मुक्त हों। उन्होंने साथ ही कहा कि पिछले कुछ साल से उनका मंत्र न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन रहा है।
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की अपनी यात्रा के दूसरे दिन यहां विश्व सरकार शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को लोगों के जीवन में कम से कम हस्तक्षेप करना चाहिए। उन्होंने न्यूनतम शासन, अधिकतम शासन के मंत्र पर जोर देते हुए कहा, मेरा मानना है कि लोगों को न तो सरकार की अनुपस्थिति महसूस होनी चाहिए, वहीं उन पर सरकार का दबाव भी नहीं होना चाहिए।
मोदी ने कहा, दरअसल, मैं मानता हूं कि सरकार को लोगों के जीवन में यथासंभव कम से कम दखल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ साल में भारत में सरकार पर लोगों का भरोसा बढ़ा है। उन्होंने कहा, जनता को भारत सरकार की मंशा और प्रतिबद्धता पर भरोसा है। यह केवल इसलिए संभव हुआ क्योंकि हमने जन भावनाओं को प्राथमिकता दी।
मोदी ने कहा, भारत में पिछले कुछ समय में बड़े बदलाव देखने को मिले। भारत का स्वच्छता अभियान हो, डिजिटल साक्षरता अभियान हो या बालिका शिक्षा अभियान हो, ऐसे प्रत्येक
बड़े लक्ष्य की सफलता केवल जन भागीदारी से सुनिश्चित हुई है। मोदी ने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री और भारत के प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने सरकार में 23 साल बिताए हैं और उनका
सिद्धांत न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने महिला नीत विकास, भारतीय महिलाओं की वित्तीय, सामाजिक और राजनीतिक दशा मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया। मोदी ने कहा कि सामाजिक और वित्तीय समावेश उनकी सरकार की प्राथमिकता रहा है तथा 50 करोड़ से अधिक लोगों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा गया।
उन्होंने कहा, सामाजिक और वित्तीय समावेश हमारी सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में रहा है। हमने 50 करोड़ से अधिक लोगों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा है। ये वो लोग थे जिनके पास कोई बैंक खाता नहीं था।
प्रधानमंत्री ने कहा, हमारे सतत प्रयासों का परिणाम है कि भारत वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) और डिजिटल भुगतान के क्षेत्रों में वैश्विक मंच पर चमक रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया को आज ऐसी सरकारों की जरूरत है जो समावेशी हों, सभी को साथ लेकर चलें और भ्रष्टाचार से मुक्त तथा साफ-सुथरी हों।
मोदी ने कहा कि एक तरफ दुनिया आधुनिकता की ओर बढ़ रही है और दूसरी तरफ पूर्ववर्ती सदियों से चली आ रहीं चुनौतियां तीव्र हो रही हैं। उन्होंने कहा, आतंकवाद अपने विभिन्न स्वरूपों में हर रोज मानवता के सामने नयी चुनौतियां ला रहा है। आज जलवायु परिवर्तन समय के साथ तेज हो रहा है। एक तरफ घरेलू चिंताएं हैं और दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था अस्त-व्यस्त दिखती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों को आज ऐसी सरकारों की जरूरत है जो जीवन सुगमता, न्याय की सुगमता, नवाचार की सुगमता और व्यापार करने की सुगमता प्रदान कर सकें। दुबई के वैश्विक अर्थव्यवस्था, वाणिज्य और प्रौद्योगिकी का केंद्र बनने को रेखांकित करते हुए मोदी ने कहा, विश्व
सरकार शिखर सम्मेलन दुनियाभर के विचारशील नेताओं को एक मंच पर साथ लाने का बड़ा माध्यम रहा है।
दुबई जिस तरह वैश्विक अर्थव्यवस्था, वाणिज्य और प्रौद्योगिकी का केंद्र बनकर उभर रहा है, यह दुनिया के सामने एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद की सराहना करते हुए मोदी ने कहा कि वह दूरदृष्टा और दृढ़संकल्प वाले नेता हैं। विश्व सरकार शिखर सम्मेलन का आयोजन भविष्य की सरकारों को आकार देना विषय के तहत हो रहा है, जिसमें दुनिया भर की सरकारों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों, विचारकों और निजी क्षेत्र के नेताओं के बीच संवाद शामिल है।
सम्मेलन में अपने संबोधन से पहले प्रधानमंत्री ने यूएई के उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मखतूम से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने व्यापार और निवेश, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और जनता के बीच संबंधों समेत द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों पर चर्चा की।