लखनऊ। अवैध धर्मान्तरण का देश व्यापी सिंडिकेट चलाने व इसके लिए विदेशों से हवाला के जरिये फंडिंग करने के आरोप में यूपी एटीएस ने तीन और लोगों को पकड़ा है। ये गिरफ्तारियां पांच दिन पूर्व पश्चिमी यूपी से गिरफ्तार किये गये मौलाना कलीम से पूछताछ के बाद की गयी। कलीम पुलिस की रिमाण्ड पर है। एटीएस के मुताबिक अभी जांच में बीस करोड़ रुपये की फंडिंग के प्रमाण मिले हैं। ये धनराशि कई बैंक खातों में भेजी गयी है। एटीएस चीफ जीके गोस्वामी ने बताया कि रविवार को गिरफ्तार किये गये आरोपियों में मुजफ्फरनगर निवासी मोहम्मद इदरीश कुरैशी, मोहम्मद सलीम और नासिक निवासी कुणाल अशोक चौधरी उर्फ आतिफ है। इन सभी को पुलिस कस्टडी रिमाण्ड पर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त मो. सलीम पिछले 17 वर्षों से पांच दिन पूर्व पकड़े गये कलीम सिद्दीकी के साथ मिलकर धर्मांतरण में सहयोग कर रहा है। सलीम ने स्वीकार किया कि धर्मांतरण के लिए लोगों से संपर्क करने और कहीं आने जाने या किसी को ले जाने आदि कार्यों में मदद करता था। अभियुक्त कुणाल चौधरी उर्फ आतिफ एमसीआई की परीक्षा कराने के प्रलोभन के कारण कलीम सिद्दीकी से जुड़ा पर पिछले 2 सालों से कलीम सिद्दकी के साथ मिलकर धर्मातरण का काम कर रहा है। अभियुक्त कुणाल का कुछ वर्ष पूर्व रूस में रहकर मेडिकल की पढ़ाई के दौरान कन्वर्ट हुआ किन्तु भारत में मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए आवश्यक एमसीआई परीक्षा पास नहीं कर पाने के बावजूद अवैध रूप से नासिक में मेडिकल क्लीनिक चलाता था। अभियुक्त कलीम सिद्दीकी के साथ रहते हुए भी अवैध रूप से मेडिकल प्रैक्टिस करता था और प्रैक्टिस के साथ मरीजों पर धर्मांतरण का काम भी करता था।इसके अलावा तीसरा अभियुक्त इदरीस कुरैशी पिछले 20 वर्षों से जमियातुल इमाम वलीउल्लाह अल इस्लामिया मदरसे के लिए फंडिंग की रकम एकत्र करता है और वह मदरसे के संचालन में भी सक्रिय है। इस मदरसे को अभियुक्त कलीम सिद्दीकी के धर्मांतरण के केंद्र के रूप इन तीनों द्वारा संचालित किया जाता है।
आईजी ने बताया कि गत 3 माह के भीतर ही अभियुक्त इदरीस कुरैशी द्वारा लगभग 60 लाख का रिहायशी मकान मुजफ्फरनगर में बनवाया है और एक महंगी मोटरसाइकिल खरीदी जिसकी कीमत करीब 2.5 लाख रुपये है। इस सम्पत्ति के बारे में पूछे जाने पर वह संपत्ति अर्जित करने का सोत्र नहीं बताया जा सका। अभियुक्त कलीम सिद्दीकी और अभियुक्त इदरीस कुरैशी की नई दिल्ली और मुजफ्फरनगर में की संपत्ति होने के संबंध में तथ्य प्राप्त हुए है जिनके संबंध में साक्ष्य एकत्र किये जा रहे हैं।
धर्मांतरण मामले में देश के विभिन्न राज्यों से अब तक 11 गिरफ्तारियां की गयी। जिनमें मौलाना उमर गौतम सहित सलाहुद्दीन जैनुद्दीन शेख, रामेश्वर कावड़े उर्फ आदम उर्फ एडम, कौशर आलम, भुप्रिय बन्दो उर्फ अर्सलान मुस्तफा प्रमुख अभियुक्त थे। इसी क्रम में 21 सितम्बर को मेरठ से मौलाना कलीम सिद्दीकी को भी गिरफ्तार किया गया था, जो सम्पूर्ण भारत में अवैध धर्मान्तरण का सिंडिकेट संचालित करता था। मौलाना सिद्दीकी इस समय 10 दिवस की पुलिस कस्टडी रिमांड में है जिससे एटीएस की टीमें पूछताछ कर रही है।
पूछताछ में मौलाना कलीम ने बताया कि मैंने धर्मांतरण को बढ़ाने की जिम्मेदारी को अपना फर्ज बनाया है और जब भी हम किसी का धर्म परिवर्तन कराते हैं तो इससे विदेश में बैठे अपने सहयोगियों को अवगत कराने पर वे उन्हें इस्लाम में बनाये रखने तथा और लोगों का धर्म परिवर्तन कराने के लिए काफी पैसा देते हैं जिससे मुझे व्यक्तिगत तौर पर काफी आर्थिक लाभ प्राप्त होता है। कलीम ने यह भी बताया कि मेरे सहयोग के लिए मेरे साथ हाफिज इदरीस, मो. सलीम व कुणाल अशोक चौधरी उर्फ आतिफ व मेरे अन्य साथी भी मेरे साथ धर्मांतरण के अवैध कार्य मे शामिल रहते हैं। पूर्व में अभियुक्त कलीम सिद्दीकी के द्वारा संचालित जमीयते इमाम वलीउल्लाह ट्रस्ट के विभिन्न खातों लगभग 3 करोड़ की धनराशि जमा किए जाने के तथ्य प्राप्त हुए थे, जिसके संबंध में अब तक ट्रस्ट के अलग अलग खातों से 20 करोड़ से अधिक राशि जमा किए जाने के तथ्य प्राप्त हो चुके है। इस ट्रस्ट के इण्डियन बैंक के खाते में बैंक आफ बहरीन एण्ड कुवैत से करीब 1.5 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं जिसमें से एक बड़ी राशि कलीम सिद्दीकी द्वारा उसके साथ धर्मान्तरण में लगे लोगों को भेजा जाना प्रमाणित हुआ है ।





