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दूसरों के जीवन में ख़ुशी लाने का आनंद कुछ और है : आनंदीबेन पटेल

  • राज्यपाल ने किया पत्रिका ‘शब्दिता’ के विशेषांक का विमोचन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने रविवार को कहा कि अभी नवरात्रि चल रही है और फिर दशहरा और दीपावली के पर्व आने वाले हैं। हम सभी अपने परिजनों के साथ पर्वों को खुशी एवं उल्लास से मनाते हैं, लेकिन बहुत से ऐसे भी लोग हैं जो पर्वों का आनंद नहीं ले पाते हैं। हमें अपनी खुशियों में ऐसे लोगों को शामिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दूसरों को खुशी देने से स्वयं को जो अनुभूति होती है उसका आनंद ही कुछ और है।

राज्यपाल ने राजभवन से मुकुल माधव फाउण्डेशन एवं फिनोलेक्स इंडस्ट्रीज द्वारा संचालित ‘गिव विद डिग्निटी’ अभियान के तहत गरीब एवं जरूरतमंदों के की सहायता के लिए वितरित की जाने वाली राहत सामग्री के वाहन को झंडी दिखाकर रवाना किया। राहत सामग्री का यह वाहन लखनऊ के विभिन्न क्षेत्रों सहित चित्रकूट एवं बांदा जनपद में 3,000 गरीब लोगों को राशन सामग्री किट वितरित करेगा।

मुकुल माधव फाउण्डेशन के पदाधिकारी गौरव प्रकाश ने बताया कि 1999 में पुणे में स्थापित मुकुल माधव फाउण्डेशन स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक सेवा, जल संरक्षण एवं स्वच्छता के लिये पूरे देश में कार्य कर रही है। फिनोलेक्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अधिकृत सीएसआर के तौर पर संस्था द्वारा काम किया जा रहा है। मुकुल माधव फाउण्डेशन द्वारा ‘गिव विथ डिग्निटी’ अभियान के तहत दीपावली पर पूरे देश में गरीब एवं जरूरतमंद पचास हजार लोगों को राशन किट वितरित किये जाने का संकल्प लिया गया है।

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फाॅर लोकल’ के विजन के तहत यह राशन उन किसानों, स्वयं सहायता समूह या छोटे उद्यमियों से खरीदा गया है जिन्होंने कोविड-19 के दौरान अपना रोजगार खोया है। एक राहत सामग्री किट में 5-5 किलो चावल एवं आटा, 2-2 किलो दाल एवं चीनी, एक लीटर रिफाइंड आयल, चायपत्ती, मसाले एवं सेनेटरी पैड शामिल है। इस अवसर पर माधुरी हलवासिया, दीपक यादव, अरूण सिंह सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे।

इसके अलावा, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने साहित्यकार आचार्य चन्द्र प्रकाश सिंह के 111वें जन्मदिवस के अवसर पर पत्रिका ‘शब्दिता’ के विशेषांक ‘ऋषि परंपरा के महाकवि’ का राजभवन में विमोचन किया। इस मौके पर अपर महा-साॅलिसिटर केंद्र सरकार शशि प्रकाश सिंह, संपादक डाॅ रामकठिन सिंह सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे।

राज्यपाल ने कहा कि आचार्य चन्द्र प्रकाश सिंह ने साहित्य की जो सेवा की है वह अनुपम है। छात्र-छात्राएं उनके साहित्य को पढ़ते तथा शोध भी करते हैं। आचार्य के कार्य को आगे बढ़ाने की जरूरत है। राज्यपाल ने कहा कि पत्रिका को नयी शिक्षा नीति पर भी विशेषांक निकालना चाहिए। बच्चों को क्या और कैसे पढ़ाना एवं सिखाना है, इस पर चर्चा होनी चाहिए। प्राइमरी, सेकेंडरी और विश्वविद्यालय में शिक्षण कैसा हो, यह विचार का विषय है। उच्च शिक्षा में शोध केवल नौकरी पाने के लिये हो रहा है। चिकित्सा, समाज सेवा के क्षेत्र में भी उच्च स्तर का शोध होना चाहिए, जिससे समाज को फायदा मिल सके। उन्होंने कहा कि विद्वतजन विद्यार्थियों के लिए पाठ्यक्रम एवं कंटेंट तैयार करें।

पत्रिका के संपादक डाॅ रामकठिन सिंह ने कहा कि ऋषि परम्परा की वाहक शब्दिता शुद्ध साहित्यिक पत्रिका है जिसका उद्देश्य साहित्य की कसौटी पर खरा उतरना और देशहित में कार्य करना है। आचार्य चन्द्र प्रकाश को जो स्थान साहित्य के क्षेत्र में मिलना चाहिए था वह नहीं मिल सका। वह बड़े साहित्यकार थे जिन्होंने शिक्षक और साहित्यकार के रूप में देश सेवा की तथा गुजरात के दुर्लभ ग्रंथों की खोज की। उन्होंने कहा कि आचार्य चन्द्र प्रकाश भारतीयता में विश्वास रखते थे। इस मौके पर शशि प्रकाश सिंह ने आचार्य चन्द्र प्रकाश के जीवन पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए बताया कि आचार्य के जीवन पर पूरी ग्रंथावली तैयारी की जा रही है।

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