‘सावन गीतों का उत्सव’ में दिखा लोकगीतों का संगम

यूपी के पंचरंगी सावन में नूतन और स्वीटी ने जीवंत किया अवध, ब्रज, पूर्वांचल बुंदेलखंड पश्चिमांचल
लखनऊ। नव अंशिका फाउंडेशन के द्वारा संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार, अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान, उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान के सहयोग से, दो दिवसीय अवध, ब्रज, पूर्वांचल बुंदेलखंड, पश्चिमांचल के सावन गीतों का उत्सव का आयोजन की दूसरी संध्या मे गोमती नगर स्थित अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान परिसर के आॅडिटोरियम में उत्तर प्रदेश संस्कृति निदेर्शालाय से सेवानिवृत्त हुए कार्यक्रम अधिकारी के.के. पाठक सहित राजेश शर्मा, दुर्गेश पाठक, नीशू त्यागी, नीरा लोहानी, सीमा भट्ट, दबीर सिद्दीकी आदि के द्वारा दीप प्रज्वलित कर लोक गायिका नूतन पाण्डेय, स्वीटी सिंह मोनिका अग्रवाल आदि ने उत्तर प्रदेश के सावन के लोक गीतों की यादगार शाम जीवंत की।
फाउण्डेशन की अध्यक्षा और उत्सव की संयोजक एवं आयोजक नीशू त्यागी के मार्गदर्शन में लोकप्रिय लोक गायिका नूतन पाण्डेय ने भोजपुरी, अवधी, हिन्दी झूला गीत, श्रंगार गीत सुनाकर आयोजन को परवान चढ़ाया। परंपरा के अनुसार उन्होंने प्रथम देव गणपति की स्तुति की। जन्माष्टमी के अवसर को देखते हुए उन्होंने विशेष रूप से कृष्ण भजन सुनाकर सबका दिल जीत लिया। सावन उत्सव के क्रम में उन्होंने झूमती नाचती प्रकृति का जीवंत चित्र अरे रामा रिमझिम और झूला धीरे से लोकगीतों के माध्यम से पेश किया। तुमको जाने में, पिरितिया के डोर, सखिया सावन, मनवा मसोसे रामा, काहे लाये हो, सब कहेला कि बहुते और छलकल गगरिया मोर सुनाकर आयोजन को यादगार बना दिया। सह-कलाकारों में की-बोर्ड पर हरीश, ढोलक पर किट्टू, आक्टोपैड पर मोहन ने बखूबी वादन किया।
पंचरंगी सावन उत्सव में आमंत्रित लोकप्रिय लोक गायिका स्वीटी सिंह ने स्तुति से लेकर सावन में प्रकृति चित्रण और प्रेम के मधुर गीत सुनाकर वाहवाही लूटी। इसमें कजरी और झूला गीत सुनते ही बने। इनका साथ आॅर्गन पर फिरोज खान, ढोलक पर हरिओम मिश्रा, आक्टोपैड पर गणेश ने दिया। इस क्रम में लोकप्रिय गायिका मोनिका अग्रवाल ने बरसन लागी बदरिया झूम झूम के और कहे करेलु गुमान गोरी सावन में जैसे प्रचलित लोकगीत सुनाकर प्रभावी उपस्थिति दर्ज करवाई।
आमिर मुख्तार के कुशल संचालन में हुए इस कार्यक्रम में इस अवसर पर फाउण्डेशन की उपाध्यक्ष नीरा लोहानी ने सावन के गीतों के बारे में बताया कि सावन के गीत प्रकृति से प्रेरित होते हैं जिसमें देवी स्तुति से लेकर झूला गीत तक गाए जाते हैं वहीं प्रियतम से मिलन और विरह दोनों ही रंग दिखते हैं। इस आयोजन में युवा एंकर और नृत्यांगना अंशिका त्यागी ने कार्यक्रम को गुलदस्ते की तरह सजाया। इस दो दिवसीय उत्सव के प्रबंधन का दायित्व राहुल शर्मा, अभिनेता सुरज गौतम और दबीर सिद्दीकी ने संभाला।

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