-शिक्षकों ने ई-सामग्री पर अनुभवों के बारे में बताया
लखनऊ। इस असामान्य समय के दौरान लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए अभिनव समाधानों को अपना रहा है। छात्रों को उन्हें प्रेरित और व्यस्त रखने के लिए उन तक पहुंचना महत्वपूर्ण है ताकि वे इस चुनौतीपूर्ण समय का उत्पादक तरीके से सामना कर सकें। शिक्षा की मौजूदा जरूरतों को पूरा करने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय ने विभिन्न विषयों पर वेबिनार शुरू किए हैं।
वेबिनार की इस शृंखला में मंगलवार को शिक्षकों के लिए प्रभावी शिक्षण के लिए ई-सामग्री पर वेबिनार का लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग की ओर से आयोजन किया। इसकी अध्यक्षता लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने की। प्रो. राय ने ई-सामग्री की उपयोगिता बताते हुए वेबिनार में मौजूद शिक्षकों को ई-सामग्री को विकसित करने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद लखनऊ की शिक्षा विश्वविद्यालय की विभागाध्यक्ष प्रो. अमिता बाजपेयी ने अपना व्याख्यान दिया।
उन्होंने वर्तमान परिदृश्य और इस तरह के क्षेत्र में विभाग द्वारा की गई विभिन्न पहलों में वेबिनार के महत्व और उपयोगिता पर एक अवलोकन प्रस्तुत किया। बाद में लखनऊ विश्वविद्यालय की अतिरिक्त डीन अकादमिक सेल डॉ. किरण लता डंगवाल ने इस अवधारणा पर प्रकाश डाला और अपने जीवंत अनुभवों के माध्यम से वर्तमान स्थिति में ई-कंटेंट की आवश्यकता पर जोर दिया।
अपने सत्र के दौरान उन्होंने यह भी बताया कि कैसे प्रभावी ई-सामग्री प्रभावशीलता के साथ कम अवधि में व्यापक दर्शकों तक पहुंच सकती है। उन्होंने इंटरैक्टिव सत्र के माध्यम से अपनी प्रस्तुति को ऊजार्वान बनाया और दर्शकों को पूरे सत्र में व्यस्त रखा। वेबिनार के अंतिम चरण की ओर दो तरफा भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रश्न और उत्तर सत्र के लिए समय निर्धारित किया गया था।
वेबिनार का समापन लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के प्रो. दिनेश कुमार द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ किया। दर्शकों को इस तरह के एक विस्तृत और इंटरैक्टिव सत्र से अभिभूत किया और शिक्षा में प्रौद्योगिकी को अनुकूलित करने के लिए प्रेरित किया गया। सम्पूर्ण वेबिनार का समन्वय डॉ. किरण लता डंगवाल ने किया। इस संकट काल में भी शिक्षक प्रभावशाली शिक्षण के लिए तत्पर हैं और ई-कंटेंट के माध्यम से ही यह कठिन कार्य सुगम बन पा रहा है।