कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन लुढ़का शेयर बाजार, सेंसेक्स 188 अंक टूटा, निफ्टी भी नुकसान में

मुंबई। स्थानीय शेयर बाजारों में शुक्रवार को दो दिन की तेज पर विराम लगा और बीएसई सेंसेक्स में 188 अंक की गिरावट आई। वैश्विक बाजारों में मिले-जुले रुख के बीच बैंक, वित्तीय और ऊर्जा शेयरों में भारी बिकवाली से बाजार नुकसान में रहा।

बैंक और एनबीएफसी कंपनियों के शेयरों में गिरावट का कारण भारतीय रिजर्व बैंक का बृहस्पतिवार का फैसला है। इसमें आरबीआई ने बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिये असुरक्षित माने जाने वाले व्यक्तिगत कर्ज से जुड़े नियमों को कड़ा किया है। संशोधित मानदंड में जोखिम भार में 25 प्रतिशत की वृद्धि की गई। इस पहल का मकसद वित्तीय संस्थानों को व्यक्तिगत कर्ज को लेकर सचेत करना है।

तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 187.75 अंक यानी 0.28 प्रतिशत की गिरावट के साथ 65,794.73 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 342.74 अंक तक लुढ़क गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 33.40 अंक यानी 0.17 प्रतिशत की गिरावट के साथ 19,731.80 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स की कंपनियों में भारतीय स्टेट बैंक में सर्वाधिक 3.64 प्रतिशत की गिरावट आई। उसके बाद एक्सिस बैंक का शेयर 3.03 प्रतिशत टूटा।

इसके अलावा बजाज फाइनेंस, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फिनसर्व, इंडसइंड बैंक, इन्फोसिस, कोटक महिंद्रा बैंक, विप्रो और रिलायंस इंडस्ट्रीज भी नुकसान में रहे। दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले शेयरों में लार्सन एंड टुब्रो, हिंदुस्तान यूनिलीवर, पावर ग्रिड, एशियन पेंट्स, नेस्ले और महिंद्रा एंड महिंद्रा शामिल हैं। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में, जबकि जापान का निक्की तथा चीन का शंघाई कम्पोजिट लाभ में रहे।

यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में तेजी का रुख था। अमेरिकी बाजार में बृहस्पतिवार को मिला-जुला रुख था। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, आरबीआई के असुरक्षित कर्ज के लिये जोखिम भार बढ़ाने के कदम से बैंक शेयर नुकसान में रहे। इसका असर मुख्य सूचकांकों पर पड़ा। इसके बावजूद कंपनियों के बेहतर तिमाही परिणाम की वजह से निवेशकों में एक सकारात्मक रुख बना हुआ है।

उन्होंने कहा,निवेशक आज यूरो क्षेत्र में मुद्रास्फीति के आंकड़ें का इंतजार कर रहे हैं। कच्चे तेल की कीमतों में तेज गिरावट और अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में नरमी से बाजार को अल्पकाल में तेजी बनाये रखने में मदद मिलेगी। इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.77 प्रतिशत चढ़कर 78.02 डॉलर प्रति बैरल रहा।शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक बृहस्पतिवार को शुद्ध लिवाल रहे। उन्होंने 957.25 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।

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