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सत्ता की मनमानी कार्यशैली व दमनकारी नीतियों से जनता त्रस्त : अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को कहा कि प्रदेश में जहां एक तरफ कोरोना संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है, वहीँ दूसरी तरफ भाजपा सरकार की मनमानी कार्यशैली और दमनकारी नीतियों से जनता त्रस्त है। स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गयी हैं, भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था पर कोई नियंत्रण नहीं है।
बेहाल किसान, बेरोजगारी और अपराध बेलगाम है। उन्होंने घोषणा की कि इसके विरोध में सोमवार को सपा सभी जिलों में तहसील स्तर पर शारीरिक दूरी रखते हुए जिला प्रशासन के माध्यम से राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन देगी और उनसे संवैधानिक कार्यवाही करने का अनुरोध करेगी।
अखिलेश ने कहा कि कोरोना संकटकाल में भाजपा सरकार स्वास्थ्य सम्बंधी सुविधाएं मुहैया कराने में लापरवाह है। उचित चिकित्सा के अभाव में जाने जा रही हैं। कोविड-19 अस्पतालों में अव्यवस्थाओं के चलते जहां संक्रमित दिक्कत में हैं वहीं स्वास्थ्यकर्मी भी साधन-सुविधाओं के अभाव से परेशान हैं। सपा सरकार की 108, 102 सेवाएं निष्क्रिय कर दी गई है। प्रदेश की लगभग हर ग्राम पंचायत में कोरोना किट की खरीद में महाघोटाला हुआ है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार के राज में अपराधी बेखौफ हैं। पुलिस प्रशासन उनके सामने असहाय नज़र आता है। रोज हत्या, लूट और अपहरण की घटनाएं हो रही है। महिलाएं एवं बच्चियां सुरक्षित नहीं। रोजगार की मांग करने पर नौजवानों पर पुलिस लाठियां चलाकर अच्छा नहीं कर रही है।
अवसाद में 3200 शिक्षामित्र आत्महत्या कर चुके हैं। आरक्षण से भी खिलवाड़ हो रहा है। मुख्यमंत्री रोजगार के झूठे आंकड़े पेश कर युवाओं को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं पर अब नौजवान सच्चाई से वाकिफ है वह उनके झांसे में नहीं आएगा। युवा आक्रोशित है।
अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार तो किसानों के हितों के प्रति पूर्णतया असंवेदनशील है। इसके कार्यकाल में किसान की बदहाली बढ़ी है। उसे न तो लागत का डेढ़ गुना मूल्य मिला है और न हीं उसकी आय दुगनी करने की दिशा में कोई योजना है। सरकार उसे समर्थन मूल्य भी दिलाने से असफल रही है। अब नये अध्यादेश लाकर भाजपा किसानों को अपनी जमीन पर ही मजदूर बनाने और खेती को अमीरों के हाथ में गिरवी रखने की साजिश कर रही है। सपा इन शोषणकारी साजिशों का विरोध करेगी।
सपा मुखिया ने कहा कि अनियोजित लाॅकडाउन के दौरान लाखों श्रमिक अपने घर वापस आए, रोजगार के अभाव, आर्थिक तंगी, नौकरी न होने से वे मजबूर होकर या तो फिर पलायन कर रहे हैं या हताशा में आत्महत्या कर रहे हैं। कारोबार न चलने से व्यापारी भी अपने गले में फांसी लगा रहे है। पूंजीनिवेश और रोजी रोजगार की बातें काल्पनिक हैं। प्रदेश में न तो नए उद्योग लगे हैं, नहीं एक यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ है। भ्रष्टाचार के चलते लगे लगाए उद्योग भी बंद होते जा रहे हैं।
अखिलेश ने कहा कि मंहगाई चरम पर है। आसमान छूते सब्जियों और अन्य खाद्य पदार्थों के दामों से जनता की थैली और थाली दोनों पर मार पड़ी है। मंहगाई ने थालीनाॅमिक्स की थाली में ही छेद कर दिया है। स्कूल काॅलेज बंद है। छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बंद है। ऑनलाइन शिक्षण कार्यक्रम दिखावटी साबित हो रहा है क्योंकि इसके लिए आवश्यक स्मार्टफोन गरीब बच्चों के पास नहीं है। समाजवादी सरकार ने जो 18 लाख लैपटाप बांटे थे, वहीं अब काम आ रहे हैं क्योंकि भाजपा ने अपने लैपटाप देने के वादे निभाए ही नहीं है। वह तो जुमलेबाजी से ही अपने काम चलाने में विशेषज्ञता प्राप्त है।