सपा बैठक : शनिवार को अगले विधानसभा चुनाव की रणनीति पर होगा विचार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की शनिवार को होने वाली महत्वपूर्ण बैठक में राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति पर विचार-विमर्श होगा। सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने शुक्रवार को भाषा को बताया कि शनिवार को पार्टी राज्य मुख्यालय पर दल की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी।

उन्होंने बताया कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर चर्चा होगी। उन्होंने बताया कि बैठक में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के भी शामिल होने की संभावना है। चौधरी ने आरोप लगाया, केन्द्र और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की गलत और संविधान विरोधी नीतियों की वजह से देश को बहुत नुकसान हो रहा है।

किसान, नौजवान, गरीब, वंचित हर वर्ग त्रस्त है। बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और सरकार के झूठ से लोग परेशान हैं। बैठक में इन तमाम विषयों पर विस्तार से चर्चा होगी और भविष्य की रणनीति तय की जाएगी। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा की करारी पराजय के बाद पार्टी की यह पहली राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक हो रही है। सूत्रों के मुताबिक कार्यकारिणी बैठक में जनता से जुड़े मुद्दों पर पार्टी को और मुखर बनाने के लिए धरना-प्रदर्शनों तथा आंदोलनों की रूपरेखा तय करने पर भी विचार किया जा सकता है।

सूत्रों ने बताया कि पार्टी की कोशिश होगी कि वह बसपा की पूर्व सरकार के कार्यकाल के समय वाले तेवर अपनाते हुए जनता की लड़ाई सड़कों पर लड़े। उन्होंने बताया कि जनता के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए पार्टी पूरे प्रदेश में जगह-जगह साइकिल रैलियां निकालने पर भी विचार कर सकती है।

इस सवाल पर कि क्या बैठक में सपा द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव में किसी पार्टी से गठबंधन के विषय पर भी बातचीत हो सकती है, पार्टी प्रवक्ता चौधरी ने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन जैसा कि पार्टी मुखिया अखिलेश यादव पहले कई बार कह चुके हैं कि पार्टी अगला विधानसभा चुनाव अपने बलबूते लड़ेगी, लिहाजा गठबंधन पर बातचीत की सम्भावना नहीं है।

हालांकि सपा राज्य के कुछ हिस्सों में स्थानीय पार्टियों के साथ कुछ सीटों पर तालमेल कर सकती है। इसकी चर्चा कार्यकारिणी बैठक में होने की संभावना है। गौरतलब है कि वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में 224 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने वाली सपा का उसके बाद 2017 में हुए विधानसभा चुनाव और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा था।

वर्ष 2017 में उसने कांग्रेस के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा था और समझौते के तहत मिली 298 में से उसे महज 47 सीटों पर ही कामयाबी मिल सकी थी। उसके बाद 2019 का लोकसभा चुनाव बसपा के साथ गठबंधन करके लड़ा और 38 में से केवल पांच सीटें उसके खाते में आई थीं।

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