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मानव तस्करी के अभियुक्तों की सात दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर

विधि संवाददाता
लखनऊ। एटीएस के विशेष जज योगेंद्र राम गुप्ता ने पड़ोसी देशों से मानव तस्करी कर महिलाओं व बच्चों को भारत में बेचने के मामले में निरुद्ध अभियुक्त मो. नूर उर्फ नुरुल इस्लाम, रहमतुल्ला व शबीउर्ररहमान उर्फ शबीउल्ला को सात दिन के लिए एटीएस की कस्टडी मे सौंपने का आदेश दिया है। इनकी कस्टडी रिमांड की यह अवधि 29 जुलाई की सुबह 10 बजे से शुरू होगी। उन्होंने यह आदेश इस मामले के विवेचक व एटीएस के निरीक्षक सत्य नारायण यादव की अर्जी को मंजूर करते हुए दिया है।

 

विवेचक का कहना था कि इन अभियुक्तों को मेरठ, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, हैदराबाद व जम्मू कश्मीर चिन्हित व्यक्त्यिों की शिनाख्त के लिए ले जाना है। इन जनपदों में जिन लोगों से सम्पर्क कर जाली भारतीय दस्तावेज बनाये गये हैं, उनकी बरामदगी करानी है और इसमें शामिल लोगों का पता लगाना है। इस मानव तस्करी में और कौन-कौन लोग शामिल है, उनका उद्देश्य क्या है, यह भी पता करना है। इनके बैंक खातों का विस्तृत विश्लेषण करना है। इनके मोबाइल फोन के डाटा एक्सट्रज्ेशन से जो साक्ष्य प्राप्त होंगे, उसे डिस्कवर करना है। ये महिलाओं व बच्चों को किस बार्डर के किस स्थान से लाते थे, उसका भी पता लगाना है। इससे पहले कितने लोगों को अवैध रुप से भारत में लाया गया है, उसका भी चिह्नीकरण कराना है। विवेचना अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति की बृहद व जटिल भी है।

 

विवेचक ने इससे पहले सात दिन का पुलिस कस्टडी रिमांड मांगते हुए बताया कि अभियुक्तों का एक अंतर्राष्ट्रीय गिरोह सिंडीकेट भारत-बांग्लादेश सीमा पर सक्रिय है। यह सिंडीकेट म्यामांर के रोहिंग्या तथा बांग्लादेशी महिलाओं व बच्चों को प्रलोभन देकर अवैध रूप से भारत ला रहा है और मानव तस्करी कर रहा है। इन महिलाओं का विवाह के नाम पर शोषण करने के उद्देश्य से उन्हें असामाजिक तत्वों के हाथ बेचा जा रहा है, जबकि पुरुष व बच्चों को विभिन्न फैक्ट्रियों में काम दिलाने के नाम पर उनका आर्थिक शोषण किया जा रहा है। इस मानव तस्करी के द्वारा भारत में लाये गये रोहिंग्या आदि को विभिन्न लोगों को बेचकर उसके एवज में भारी मात्रा में धन का आदान-प्रदान किया जा रहा है। 27 जुलाई को एटीएस की विशेष अदालत ने इन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजा था। 26 जुलाई, 2021 को इस मामले की एफआईआर निरीक्षक चैम्पियन लाल ने थाना एटीएस में आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 370, 120बी तथा विदेशी अधिनियम की धारा 14 के तहत दर्ज करायी थी।

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