प्रेमचंद जयंती समारोह का आयोजन
लखनऊ। प्रगतिशील लेखक संघ, उन्नाव और डॉ रामविलास शर्मा शोध संस्थान की ओर से हुए प्रेमचंद जयंती समारोह में कवि, साहित्यकार कौशल किशोर को प्रेमचंद सम्मान से सम्मानित किया गया। कौशल किशोर ने कहा कि आजादी के संघर्ष में उनके विचार भगत सिंह के करीब हैं। वहीं सामाजिक दृष्टि में अंबेडकर के। जीवन के अंतिम दिनों में गांधीवाद की सीमाएं उजागर हो गई थीं। इसका उदाहरण तमाम लेख तथा मंगलसूत्र अधूरा उपन्यास है। प्रेमचंद का संघर्ष वर्ण-व्यवस्था, पुरोहितवाद, सांप्रदायिकता, ब्राह्मणवाद आदि से था। डॉ अंबेडकर ने आजादी मिलने पर कहा था कि मनु के शासन की समाप्ति हो रही है। लेकिन आज मनु की वापसी हो रही है। लोकतंत्र के पाए हिल रहे हैं। बलात्कारी सम्मानित हो रहे हैं। संसद अपराधियों से सुसज्जित है। ऐसे में प्रेमचंद के साहित्य और विचार से हमें रोशनी मिलती है। हमें प्रेमचंद के पास जाने, उनसे सीखने-समझने की बहुत जरूरत है।