-किसी भी प्रवासी को रेलवे स्टेशन से सीधे होम क्वारनटाईन में न भेजा जाये
-प्रवासियों को 21 दिन के गृह पृथक-वास में भेजने के पूर्व करायी जाये जांच
लखनऊ। मुख्य सचिव ने कोविड-19 के मद्देनजर निर्देश दिए है कि प्रवासी कामगारों के प्रदेश में लौटने पर प्रत्येक यात्री के आश्रय स्थल पर पहुंचने के बाद उनकी स्क्रीनिंग सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि लक्षण रहित प्रवासियों को 21 दिन के गृह पृथक-वास में भेजने के पूर्व कुछ लोगों के नमूने जांच के लिए ले लिये जायें, जिन्हें पूल टेस्टिंग के माध्यम से टेस्ट करवाया जाये।
उन्होंने निर्देश दिये कि प्रवासी कामगारों को होम क्वारनटाइन में भेजे जाने से पूर्व उन्हें खाद्य सामग्री के पैकेट अवश्य उपलब्ध कराए जाएं। मुख्य सचिव ने यह निर्देश प्रदेश के सभी मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को पत्र के माध्यम से दिये हैं। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि प्रवासी व्यक्तियों के जिलों में पहुंचने के पश्चात उनके के लिए जिले में स्थापित आश्रय स्थल में उनका आगमन प्रत्येक दशा में सुनिश्चित कराया जाए एवं किसी भी दशा में किसी भी प्रवासी व्यक्ति को रेलवे स्टेशन से सीधे होम क्वारनटाईन में न भेजा जाये।
उन्होंने निर्देश दिये कि जिले का आश्रय स्थल जिला स्तर अथवा तहसील स्थल पर हो सकता है यदि किसी भी जिला में श्रमिक रेलवे स्टेशन से सीधे होम क्वारनटाइन भेजे जाते हैं तो सम्बन्धित का उत्तरदायित्व निर्धारित करकार्यवाही की जायेगी। तिवारी ने यह भी कहा कि आश्रय स्थल में लाने के बाद सभी श्रमिकों का विवरण अवश्य अपलोड कर लिया जाये। उन्होंने कहा कि जिन कामगारों एवं श्रमिकों के लिए उनके घरों में होम क्वारनटाइन की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है तो उन्हें इन्स्टीटयूशनल क्वारनटाइन में ही रखा जाये।
उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि आश्रय स्थल पर लाने के बाद होम क्वारनटाइन भेजने के लिए यह देखा गया है कि स्थानीय परिवहन न होने पर रोडवेज की बसों को ही कतिपय जिलों में आगे गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए भेजा जा रहा है जो उचित नहीं है जिसके कारण रोडवेज की बसों के टर्न ओवर का टाइम बढ़ रहा है। ऐसे में स्थानीय स्तर पर वाहनों की व्यवस्था करते हुए होम क्वारनटाइन में भेजने के लिए कार्यवाही कराते हुए दिये गये सभी निदेर्शों का अत्यंत कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये।





