नयी दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को सिख विरोधी दंगों के दौरान सरस्वती विहार इलाके में दो लोगों की हत्या के मामले में बुधवार को दोषी करार दिया। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने दोषसिद्धि का आदेश पारित किया और सजा पर बहस की तारीख 18 फरवरी तय की। सजा सुनाए जाने के लिए कुमार को तिहाड़ जेल से अदालत में पेश किया गया।
मामला 1 नवंबर 1984 को जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या से संबंधित है। पंजाबी बाग थाने ने शुरू में मामला दर्ज किया था, लेकिन बाद में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने जांच का जिम्मा संभाला था। इस मामले में 16 दिसंबर, 2021 को अदालत ने कुमार के खिलाफ आरोप तय किए थे और उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला सही पाया था।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, घातक हथियारों से लैस एक बड़ी भीड़ ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का बदला लेने के लिए बड़े पैमाने पर लूटपाट, आगजनी की थी और सिखों की संपत्तियों को नष्ट किया था। इस मामले में जसवंत सिंह की पत्नी ने शिकायत दर्ज कराई थी। अभियोजन पक्ष के अनुसार भीड़ ने घर में घुसकर सिंह और उनके बेटे की हत्या कर दी थी और सामान लूटकर घर को आग के हवाले कर दिया था। कुमार पर मुकदमा चलाते हुए अदालत ने कहा था कि प्रथम दृष्टया यह मानने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि वह न केवल एक भागीदार थे, बल्कि उन्होंने भीड़ का नेतृत्व भी किया था।