मुंबई: मौजूदा कोच रवि शास्त्री को शुक्रवार को कपिल देव की अगुवाई वाली क्रिकेट सलाहकार समिति ने फिर से भारतीय टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया। कप्तान विराट कोहली के समर्थन के बाद यह फैसला तय माना जा रहा था। उन्हें फिर से दो साल के लिए कोच नियुक्त किया गया है और उनका कार्यकाल भारत में 2021 में होने वाले टी20 विश्व कप तक होगा। शास्त्री का भारतीय टीम के साथ यह चौथा कार्यकाल होगा। वह बांग्लादेश के 2007 के दौरे के समय कुछ समय के लिए कोच बने थे। इसके बाद वह 2014 से 2016 तक टीम निदेशक और 2017 से 2019 तक मुख्य कोच रहे। शास्त्री ने कोच पद की दौड़ में भारतीय टीम के अपने साथी रोबिन सिंह और लालचंद राजपूत के अलावा न्यूजीलैंड के पूर्व कोच माइक हेसन और आस्ट्रेलिया के टॉम मूडी को पीछे छोड़ा।
वेस्टइंडीज और अफगानिस्तान के पूर्व कोच फिल सिमन्स निजी कारणों से कोच पद की दौड़ से हट गए थे। कपिल देव ने यहां संवाददाता सम्मेलन में फैसला सुनाते हुए कहा, नंबर तीन टॉम मूडी थे और नंबर दो माइक हेसन। आपने जैसी उम्मीद लगाई थी रवि शास्त्री नंबर एक रहे। लेकिन यह काफी करीबी मुकाबला था। कोहली ने वेस्टइंडीज दौरे पर रवाना होने से पहले कोच पद के लिए शास्त्री के नाम का समर्थन किया था जिसके बाद यह तय माना रहा था कि यह पूर्व भारतीय कप्तान इस पद पर बना रहेगा। सभी उम्मीद्वारों में शास्त्री का रिकार्ड शानदार था।
उनके कोच रहते हुए भारतीय टीम टेस्ट रैंकिंग में नंबर एक स्थान पर पहुंची और उसने 71 वर्षों में पहली बार आस्ट्रेलिया को उसकी सरजमीं पर हराया। उनकी अगुवाई में हालांकि भारत आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीत पाया तथा उसे 2015 और 2019 के विश्व कप में निराशा हाथ लगी। कपिल देव की अगुवाई वाली समिति को हालांकि यह बड़ा कारण नहीं लगा। समिति में शांता रंगास्वामी और अंशुमन गायकवाड़ भी शामिल थे। अनिल कुंबले की जगह जुलाई 2017 में कोच पद संभालने के बाद रवि शास्त्री का रिकार्ड शानदार रहा। इस बीच भारत ने 21 टेस्ट मैचों में से 11 में जीत दर्ज की। उसने 60 वनडे में 43 अपने नाम किए तथा 36 टी20 अंतरराष्ट्रीय में से 25 में जीत हासिल की।