विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने खारिज की अयोग्य करने की याचिका
लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस को सोमवार को विधानसभा में एक तगड़ा झटका लगा है। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने रायबरेली सदर सीट से कांग्रेस की विधायक और हरचंदपुर से पार्टी एमएलए राकेश प्रताप सिंह को अयोग्य करने की याचिका खारिज कर दी है।
दीक्षित ने हरचंदपुर के विधायक राकेश प्रताप सिंह के मामले में अपने आदेश में कहा है कि इस मामले में संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत दल बदल कानून नहीं लागू होता। इसलिए उनको दल बदल कानून के तहत अयोग्य घोषित नहीं किया जा सकता। याचिका बलहीन होने की वजह से निरस्त की जाती है। वहीँ कांग्रेस की रायबरेली सदर सीट से विधायक अदिति सिंह के मामले में भी याचिका को दल बदल की श्रेणी में न पाते हुए याचिका खारिज की गयी है।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि अदिति सिंह को दल बदल के आधार पर अयोग्य घोषित नहीं किया जा सकता। याचिका बलहीन होने की वजह से निरस्त कर दी गयी है। दरसल, दोनों ही विधायकों ने अपने बचाव में तर्क दिया है कि उनके खिलाफ याचिका कांग्रेस की तरफ से दाखिल की गयी है, जो व्यक्ति नहीं है।
उन्होंने दलील दी है कि याचिका व्यक्ति द्वारा ही दाखिल की जा सकती है। खास बात यह है कि दोनों ही विधायकों की तरफ से दलील दी गयी कि उन्होंने कभी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर से कांग्रेस की सदस्यता नहीं छोड़ी। दोनों पक्षों से दलील दी गयी है कि वह कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं।
बता दें कि अदिति सिंह के खिलाफ पिछले साल अक्टूबर में गांधी जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित विशेष सत्र में हिस्सा लेकर पार्टी के व्हिप का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए याचिका दाखिल की गयी थी। अदिति सिंह के खिलाफ दायर याचिका में कहा गया था कि विधान मंडल दल के तत्कालीन नेता अजय कुमार ‘लल्लू’ ने 2 अक्टूबर 2019 को हुए विशेष सत्र का बहिष्कार करने के लिए व्हिप जारी किया था। व्हिप के बावजूद अदिति सिंह ने न केवल सत्र में हिस्सा लिया, बल्कि उसका उल्लंघन करते हुए सत्ता पक्ष द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव का समर्थन किया।
सिंह की तरफ से दलील दी गयी गांधी जयंती के मौके पर बुलाये गये विशेष सत्र में हिस्सा लेना भारतीय होने के नाते भी जिम्मेदारी का विषय था। अदिति सिंह की तरफ से यह भी दलील दी गयी कि विधानसभा के विशेष सत्र में हिस्सा लेकर उन्होंने अपने नैतिक और संवैधानिक कर्तव्यों का पालन किया। जहां तक दल बदल की बात है तो उन्होंने कभी अपनी मर्जी से पार्टी नहीं छोड़ी और न ही उनका ऐसा कोई इरादा है।
उधर हरचंदपुर के विधायक राकेश प्रताप सिंह के मामले में कांग्रेस की तरफ से आरोप लगाया गया कि उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी के सदस्य की मदद की थी और उनके चुनाव में दौरा भी किया था। इस याचिका के खिलाफ राकेश प्रताप सिंह की तरफ से दलील दी गयी कि चूंकि याचिका अधिकृत व्यक्ति द्वारा दाखिल नहीं की गयी है, इसलिए इसको निरस्त किया जाना चाहिए।