लखनऊ। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी मंगलवार को लखनऊ स्थित एमपी-एमएलए विशेष अदालत में पेश होने के लिए पहुंचे। यह पेशी उनके खिलाफ दर्ज उस मानहानि मामले को लेकर है, जिसमें उन पर भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भारतीय सेना के खिलाफ अमर्यादित और विवादास्पद टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है।
इस मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने राहुल गांधी को आरोपी के रूप में तलब किया है। कोर्ट ने दायर की गई फौजदारी शिकायत का संज्ञान लेते हुए यह समन जारी किया था। शिकायत में दावा किया गया है कि राहुल गांधी की टिप्पणी से भारतीय सेना की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है और यह देश की सुरक्षा और सशस्त्र बलों के मनोबल को प्रभावित करने वाला बयान था।
राहुल गांधी ने इस समन को चुनौती देते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट से उन्हें कोई राहत नहीं मिली। उच्च न्यायालय ने मामले में दखल देने से इनकार करते हुए कहा कि राहुल गांधी को निचली अदालत में ही अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है।
इससे पहले भी राहुल गांधी कई बार अपने बयानों को लेकर विवादों में रह चुके हैं। कांग्रेस पार्टी का कहना है कि यह मामला राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है और राहुल गांधी ने कोई आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की थी।
बता दें कि यह मानहानि की शिकायत बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने दायर की थी। यह मामला फिलहाल लखनऊ की एक अदालत में लंबित है। शिकायत में दावा किया गया कि राहुल गांधी ने 16 दिसंबर 2022 को अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भारतीय सेना के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। यह टिप्पणी 9 दिसंबर 2022 को भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई झड़प से जुड़ी थी।
शिकायत के अनुसार कि राहुल ने बार-बार अपमानजनक तरीके से कहा था कि चीन की सेना अरुणाचल प्रदेश में हमारे सैनिकों को पीट रही है और भारतीय प्रेस इस संबंध में कोई सवाल नहीं पूछेगा।
लखनऊ की अदालत ने पहली नजर में माना था कि राहुल के बयान से भारतीय सेना और उससे जुड़े लोगों और उनके परिवारों का मनोबल कम हुआ है। इस मामले में अदालत ने राहुल को पेश होने का आदेश दिया था, जिसे उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।