नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल मामले में फैसले पर उनकी टिप्पणियों को लेकर जारी अवमानना नोटिस पर सोमवार को उच्चतम न्यायालय में नया हलफनामा दाखिल किया और चौकरीदार चोर है वाली टिप्पणी शीर्ष अदालत के हवाले से कहने पर एक बार फिर खेद व्यक्त किया।
कांग्रेस अध्यक्ष ने इसके साथ ही भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी
कांग्रेस अध्यक्ष ने इसके साथ ही भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी द्वारा दायर आपराधिक अवमाना याचिका खारिज करने का अनुरोध किया और कहा कि यह न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है। राहुल गांधी ने नए हलफनामे में राफेल फैसले का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बारे में चौकीदार चोर है टिप्पणी करने पर खेद व्यक्त किया। कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने हलफनामे में कहा कि यह स्पष्ट है कि कोई भी अदालत कभी ऐसा नहीं करेगी और इसलिए न्यायालय के आदेश के बारे में दुर्भाग्यपूर्ण संदर्भ (इसके लिए मैं खेद प्रकट करता हूं) और राजनीतिक नारा राजनीतिक प्रचार के जोश में एक ही सांस में मिल गया जिसका यह अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए था कि न्यायालय ने इस मुद्दे पर कोई निष्कर्ष निकाला था।
अनादर करने की उनकी कोई मंशा नहीं थी
शीर्ष अदालत ने लेखी की आपराधिक अवमानना याचिका पर 23 अप्रैल को राहुल गांधी को नोटिस जारी किया था। राहुल गांधी ने अपने हलफनामे में कहा कि दूर-दूर तक न्यायालय को राजनीतिक परिदृश्य में लाने या जो न्यायालय ने कहा ही नहीं था, उसे उसका बताकर उसका अनादर करने की उनकी कोई मंशा नहीं थी। गांधी ने कहा कि सरकार और सत्तारूढ़ दल के अनेक अंग लगातार कह रहे हैं कि पिछले साल 14 दिसंबर के फैसले में शीर्ष अदालत ने इस सौदे के विभिन्न पहलुओं पर सरकार को क्लीन चिट दी है।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि राफेल का मुद्दा पिछले कई महीनों से देश के राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों में सबसे ज्यादा प्रमुख रहा है लेकिन मामला न्यायालय के अधीन होने के बावजूद इस पर मीडिया और समाज में तीखी बहस छिड़ी हुई है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ के समक्ष राहुल गांधी के वकील ने इस मामले का उल्लेख करते हुए अपना हलफनामा दाखिल करने की अनुमति चाही। पीठ ने उन्हें यह अनुमति प्रदान कर दी। शीर्ष अदालत ने पहले कहा था कि राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक अवमानना याचिका पर 30 अप्रैल को सुनवाई की जाएगी।