कोलंबिया विश्वविद्यालय से हिरासत में लिए गए फलस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारी

न्यूयॉर्क। न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया विश्वविद्यालय के हैमिल्टन हॉल में इकट्ठा हुए 30 से 40 फलस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने मंगलवार रात परिसर से हटा दिया। प्रदर्शनकारी दिन के वक्त इस प्रशासनिक इमारत में इकट्ठा हो गये थे, जिसके बाद प्राधिकारियों को पुलिस बुलानी पड़ी। आइवी लीग में शामिल इस विश्वविद्यालय के अध्यक्ष ने कहा कि परिसर में सुरक्षा सुनिश्चित करने व व्यवस्था बहाल करने का कोई दूसरा विकल्प नहीं है और उन्होंने पुलिस विभाग से मदद मांगी, जिसके बाद न्यूयॉर्क पुलिस के अधिकारियों ने यह कार्वाई की।

प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय के मैदान में तंबुओं में प्रदर्शन करते हुए इस इमारत पर कब्जा कर लिया था। पुलिस 17 मई तक परिसर में मुस्तैद रहेगी क्योंकि इस दिन विश्वविद्यालय के नये शैक्षणिक सत्र की तैयारियां समाप्त हो रही हैं। पिछले माह कोलंबिया में प्रदर्शनों की शुरुआत हुई थी, जो अब कैलिफोर्निया से लेकर मैसाचुसेट्स तक फैल गए हैं। जैसे-जैसे मई में नये शैक्षणिक सत्र की शुरुआत का समय नजदीक आ रहा है, विश्वविद्यालय प्राधिकारियों को प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए अतिरिक्त दबाव का सामना करना पड़ रहा है।

फलस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों के प्रशासनिक इमारत पर कब्जे को हटाने के लिए सैकड़ों की संख्या में पुलिस अधिकारी मंगलवार रात को कोलंबिया विश्वविद्यालय में घुसे और उन्होंने प्रदर्शनकारियों के तंबू उखाड़ फेंके। स्कूल के अध्यक्ष ने कहा था कि परिसर में सुरक्षा सुनिश्चित करने और व्यवस्था बहाल करने का कोई दूसरा विकल्प नहीं है, जिसके बाद पुलिस अधिकारियों ने यह कार्रवाई की।

हेलमेट पहने और दंगों के दौरान प्रयोग किये जाने वाले सुरक्षा कवच हाथों में लिये पुलिसकर्मी रात नौ बजे विश्वविद्यालय के प्रवेश द्वार से परिसर में घुसे, जिसके बाद परिसर का पूरा नजारा ही बदल गया। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया और बसों में बैठाकर परिसर से ले जाया गया।प्रदर्शनकारियों ने 12 घंटे से ज्यादा समय तक हैमिल्टन हॉल पर कब्जा किया हुआ था। उन्होंने इससे करीब दो सप्ताह पहले मैदान में तंबू लगाकर प्रदर्शन शुरू किया था।

पिछले दो सप्ताह में टेक्सास, वर्जीनिया, उत्तरी कैरोलिना, न्यू मेक्सिको, कनेक्टिकट, लुइसियाना, कैलिफोर्निया और न्यू जर्सी सहित राज्यों के विश्वविद्यालय परिसरों से एक हजार से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से कुछ को दंगा भड़काने के लिए पुलिस के साथ टकराव के बाद गिरफ्तार किया गया।

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