उन्नाव। उन्नाव की दुष्कर्म पीड़िता की आज मृत्यु हो गई है। करीब नब्बे फीसदी से अधिक जल चुकी पीड़िता अन्ततोगत्वा मौत से जंग हार गयी। गुरुवार को सुबह जलाई गयी बिटिया की बात करें तो उसने आखिरी समय तक उम्मीद नही छोड़ी। मौत की खबर आते ही परिजनों में कोहराम मच गया।
उन्नाव में घटित हुई हैदराबाद जैसी हैवानियत की शिकार हुयी गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद से पूरे देश में विरोध के सुर तेज हो गये है। पूरी घटना पर विपक्ष ने सर्कार को घेर लिया है। शनिवार दोपहर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा उन्नाव स्थित पीड़िता के गांव पहुंची। वहां पर उन्होने बंद कमरे में पीड़िता के पिता, भाभी व बहनों से बात की। उसके बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होने बताया कि पूरी कांग्रेस पार्टी परिवारीजनों के साथ इस दुख की घड़ी में परिवार वालों के साथ है। साथ ही साथ उन्होने हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया।
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि यह कही न कही हम सभी की नाकामयाबी है। उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की पोल दिन प्रतिदिन खुलकर सामने आ रही है। वह अधिकारी भी दोषी है जिन्होने पीड़िता के मामले को गंभीरता से न लेकर उसकी एफआईआर तक नहीं दर्ज की। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि ऐसे अधिकारियों को प्रदेश सरकार कही न कही संरक्षण देने का काम कर रही है। उत्तर प्रदेश में यह कोई नई घटना नही है अपितु आये दिन का हाल बन गया है। महिलाओं पर हो रहे अत्याचार की घटनाए वर्तमान समय में समाचार की सुर्खियां बन गयी है। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, प्रमोद तिवारी, निर्वतमान सांसद अन्नू टंडन सहित कांग्रेसी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।