नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित किया। उन्होंने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी है। राष्ट्रपति ने कहा- यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि अपने गौरवशाली देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए जोश के साथ, कंधे से कंधा मिलाकर काम करें। राष्ट्रपति ने कहा- सरकार, लोगों की आशाओं-आकांक्षाओं को पूरा करने में उनकी सहायता के लिए बेहतर बुनियादी सुविधाएं और सामर्थ्य उन्हें उपलब्ध करा रही है। ऐसे अनुकूल वातावरण में, हमारे देशवासी जो उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं, वे हमारी कल्पना से भी परे है। सरकार के प्रयासों का पूरा लाभ उठाने के लिए सभी नागरिकों को जागरूक और सक्रिय रहना होगा।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, जब हम अपने देश की समावेशी संस्कृति की बात करते हैं तब हम सबको यह भी देखना है कि हमारा आपसी व्यवहार कैसा हो। सभी व्यक्तियों के साथ हमें वैसा ही सम्मान-जनक व्यवहार करना चाहिए जैसा हम उनसे अपने लिए चाहते हैं। उन्होंने कहा, भारत का समाज तो हमेशा से सहज और सरल रहा है, तथा ‘जियो और जीने दो’ के सिद्धांत पर चलता रहा है। हम भाषा, पंथ और क्षेत्र की सीमाओं से ऊपर उठकर एक दूसरे का सम्मान करते रहे हैं। हजारों वर्षों के इतिहास में, भारतीय समाज ने शायद ही कभी दुर्भावना या पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर काम किया हो।
अनुच्छेद 370 पर बोलते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा- मुझे विश्वास है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए हाल ही में किए गए बदलावों से वहां के निवासी बहुत अधिक लाभान्वित होंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को विश्वास जताया कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को रद्द करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के फैसले से वहां के निवासी बहुत अधिक लाभान्वित होंगे। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कोविंद ने कहा, मुझे विश्वास है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए हाल ही में किए गए बदलावों से वहां के निवासी बहुत अधिक लाभान्वित होंगे। वे भी अब उन सभी अधिकारों और सुविधाओं का लाभ उठा पाएंगे जो देश के दूसरे क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को मिलती हैं। कोविंद ने कहा, वे भी अब समानता को बढ़ावा देने वाले प्रगतिशील कानूनों और प्रावधानों का उपयोग कर सकेंगे। शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून लागू होने से सभी बच्चों के लिए शिक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी। सूचना का अधिकार मिल जाने से, अब वहां के लोग जनहित से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। पारंपरिक रूप से वंचित रहे वर्गों के लोगों को शिक्षा व नौकरी में आरक्षण तथा अन्य सुविधाएं मिल सकेंगी।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति बोले- गांधीजी का मार्गदर्शन आज भी उतना ही प्रासंगिक है। उन्होंने हमारी आज की गंभीर चुनौतियों का अनुमान पहले ही कर लिया था। गांधीजी मानते थे कि हमें प्रकृति के संसाधनों का उपयोग विवेक के साथ करना चाहिए ताकि विकास और प्रकृति का संतुलन हमेशा बना रहे। वर्तमान में चल रहे हमारे अनेक प्रयास गांधीजी के विचारों को ही यथार्थ रूप देते हैं। अनेक कल्याणकारी कार्यक्रमों के माध्यम से हमारे देशवासियों का जीवन बेहतर बनाया जा रहा है। सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने पर विशेष ज़ोर देना भी गांधीजी की सोच के अनुरूप है।
संसद सत्र पर राष्ट्रपति ने कहा, मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि संसद के हाल ही में संपन्न हुए सत्र में लोकसभा और राज्यसभा, दोनों ही सदनों की बैठकें बहुत सफल रही हैं। आज हमारा लक्ष्य है कि विकास की गति तेज हो, शासन व्यवस्था कुशल और पारदर्शी हो ताकि लोगों का जीवन बेहतर हो। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, 2019 का यह साल, गुरु नानक देवजी का 550वां जयंती वर्ष भी है। वह भारत के सबसे महान संतों में से एक हैं। गुरु नानक देवजी के सभी अनुयायियों को मैं इस पावन जयंती वर्ष के लिए अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।