लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने गुरूवार को कहा कि एक जनपद, एक उत्पाद की तरह ही एक जनपद, एक विशेष फसल परियोजना तैयार की जानी चाहिए जिससे जनपद में होने वाली फसल विशेष को प्राथमिकता मिल सके। उन्होंने कृषि विश्वविद्यालयों को उन विद्यार्थियों को खेती से सीधे जोड़ने को कहा, जिनके पास खेती योग्य भूमि उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि इससे विद्यार्थी स्वयं का व्यवसाय कर सकेंगे और दूसरों को भी नौकरी दे सकेंगे। राज्यपाल आनंदीबेन ने गुरूवार को राजभवन में आयोजित कृषि विभाग उत्तर प्रदेश एवं कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के कुलपतियों के साथ बैठक में कहा कि स्वास्थ्य एवं पर्यावरण की दृष्टि से आज जैविक खेती को बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि अत्यधिक कृषि रसायनों एवं उर्वरकों के उपयोग से खाद्यान्न पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में किसानों को जागरूक किया जाए और उन्हें जैविक खेती को बढ़ावा देने को प्रेरित किया जाए। जैविक खेती द्वारा मृदा की प्राकृतिक उर्वरता भी बनी रहती है और पर्यावरण का क्षरण भी न्यूनतम होता है।
राज्यपाल ने कहा कि किसानों के लिए ऑन-लाइन फसल उत्पाद बेचने की व्यवस्था पर भी कार्य करने की आवश्यकता है। इससे किसान सीधे अपने कृषि उत्पादों को बाहर बेच सकेंगे और बिचौलिए फायदा नहीं उठा सकेंगे। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए विशेष कार्य किए जाने की जरूरत बताते हुए उन्होंने कहा कि किसानों को उत्पादों को बेचने के लिए बाजार उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए तभी उनकी आमदनी में अपेक्षित वृद्धि हो सकती है।
पटेल ने कहा कि कृषकों को पारम्परिक खेती में नवीनतम तकनीकों का समावेश कर प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्हें मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ाने हेतु प्रेरित करना चाहिए, क्योंकि वैज्ञानिक दृष्टि से यह सिद्ध हो चुका है कि मोटे अनाज मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक हैं। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इनकी मांग बढ़ रही है।