बेंगलुरु: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ देशभर के करीब 70 छात्र-छात्रा शनिवार तड़के इसरो के यहां स्थित केंद्र से चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में होने वाली चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग के दृश्य सीधे देखेंगे। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा आयोजित ऑनलाइन प्रतियोगिता में प्रत्येक राज्य और केंद्रशसित प्रदेश से सर्वाधिक अंक हासिल करने वाले दो-दो छात्रों को अंतरिक्ष एजेंसी ने चांद की सतह पर चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम की साफ्ट लैंडिंग का सीधा नजारा देखने के लिए यहां अपने केंद्र में आमंत्रित किया है। इसरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई से कहा, लगभग 70 छात्र-छात्रा हैं। वे प्रधानमंत्री के साथ बैठकर सॉफ्ट लैंडिंग का दृश्य सीधे देखेंगे। अंतरिक्ष कार्यक्रम के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए इसरो के बेंगलुरु स्थित मुख्यालय ने माईगोव डॉट इन के साथ मिलकर 10 से 25 अगस्त तक एक ऑनलाइन प्रतियोगिता आयोजित की थी।
प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता की अवधि 10 मिनट की थी जिसमें अधिकतम 20 सवालों का जवाब देना था। लैंडर विक्रम अपने साथ रोवर प्रज्ञान को लेकर सात सितंबर की रात डेढ़ बजे से ढाई बजे के बीच चांद पर उतरेगा। यदि इसमें सफलता मिलती है तो रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला दुनिया का चौथा और चांद के अब तक अनदेखे दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा। लैंडर के उतरने के लगभग चार घंटे बाद इसके भीतर से रोवर बाहर निकलेगा और अपने छह पहियों पर चलकर चांद की सतह पर एक चंद्र दिन (धरती के 14 दिन के बराबर) तक वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देगा। वहीं, चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर का जीवनकाल एक साल का है। इस दौरान वह लगातार चांद की परिक्रमा कर धरती पर बैठे इसरो के वैज्ञानिकों को पृथ्वी के प्राकृतिक उपग्रह (चंद्रमा) के बारे में जानकारी भेजता रहेगा।