थिंपू: भूटान का दो दिवसीय आधिकारिक दौरा समाप्त करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को स्वदेश रवाना हो गए। इस दो दिवसीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के लिए देश के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की। भूटान से रवाना होने से पहले मोदी ने कहा, धन्यवाद भूटान, यह यादगार दौरा रहा। इस शानदार देश के लोगों से मुझे जो मोहब्बत मिली है उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है। यहां कई ऐसे कार्यक्रम हुए जिनमें मुझे हिस्सा लेने का गौरव प्राप्त हुआ। इस यात्रा के परिणामस्वरूप द्विपक्षीय संबंध और प्रगाढ़ होंगे। मोदी शनिवार को भूटान पहुंचे थे। मोदी का भूटान का यह दूसरा और इस साल मई में दोबारा प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद पहला दौरा था। थिंपू में प्रवास के दौरान मोदी ने भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग के साथ शनिवार को व्यापक चर्चा की। इसके अलावा उन्होंने कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी को आगे बढ़ाने के कदमों पर भी चर्चा की।
मोदी की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच दस क्षेत्रों में सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें अंतरिक्ष अनुसंधान, विमानन, सूचना प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और शिक्षा के क्षेत्र शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने शनिवार को भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मुलाकात की तथा भारत-भूटान की साझेदारी को आगे ले जाने वाले अनुकरणीय विचारों का आदान-प्रदान किया। बाद में, प्रधानमंत्री मोदी ने भूटान के चौथे नरेश जिग्मे सिंघे वांगचुक से मुलाकात की तथा भारत और भूटान के संबंधों को मजबूत करने के उनके निरंतर एवं अनोखे मार्गदर्शन के लिए उनकी सराहना की। प्रधानमंत्री ने रविवार को प्रतिष्ठित रायल यूनिवर्सिटी आफ भूटान के छात्रों को संबोधित किया और उनसे अपने देश को नई ऊंचाईयों पर लेने के लिए कठिन मेहनत करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई भी दो देश एक-दूसरे को इतनी अच्छी तरह से नहीं समझते हैं या न ही साझा करते हैं जितना भारत और भूटान के बीच होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ए दोनों देश अपने नागरिकों की समृद्घि के लिए प्राकृतिक साहयोगी हैं।