बलिया (उप्र)। जिले में रेवती थानाक्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान के आवंटन के दौरान गोलीबारी में एक व्यक्ति की हत्या के मामले में पुलिस ने फरार आरोपियों के विरुद्ध इनाम घोषित किया है तथा उनके विरुद्ध रासुका एवं गैंगस्टर के अंतर्गत कार्रवाई की घोषणा की है। पुलिस के मुताबिक शनिवार को तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया जबकि शुक्रवार को दो की गिरफ़्तारी की गई थी।
अपर पुलिस अधीक्षक संजय यादव ने बताया कि पुलिस ने शनिवार को मुन्ना यादव, राजप्रताप यादव तथा राजन तिवारी को गिरफ्तार किया है जबकि शुक्रवार को देवेन्द्र प्रताप सिंह एव नरेंद्र प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया गया था। उनके अनुसार इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की संख्या अब पांच हो गई है और उन्हें जेल भेज दिया गया है।
पुलिस के मुताबिक इस मामले में कुल आठ नामजद एव 20 से 25 अज्ञात आरोपी हैं। मामले में मुख्य आरोपी सहित छह नामजद आरोपी अभी भी फरार है। पुलिस उप महानिरीक्षक सुभाष चंद्र दूबे ने रेवती कांड के फरार आरोपियों के विरुद्ध 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है, साथ ही आरोपियों के विरुद्ध रासुका व गैंगस्टर के अंतर्गत कार्रवाई की घोषणा भी की है।
इसके पहले पुलिस अधीक्षक देवेंद्र नाथ के स्तर पर फरार आरोपियों के विरुद्ध 25-25 हजार रुपये इनाम घोषित किए गए थे। घटना का मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह डब्ल्यू अभी भी फरार है जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने 12 टीमें गठित की है। इस बीच मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह ने स्वयं को निर्दाेष करार देते हुए दावा किया है कि रेवती की घटना में उसके परिवार के एक व्यक्ति की भी मौत हो गई है तथा आधा दर्जन लोग घायल हैं।
स्वयं को पूर्व सैनिक संगठन का अध्यक्ष बताते हुए धीरेंद्र प्रताप सिंह डब्ल्यू ने सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर शुक्रवार रात जारी वीडियो इस घटना को पूर्व नियोजित करार दिया एवं कहा है कि उसने आवंटन के लिए बैठक शुरू होते ही उप जिलाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक व अन्य अधिकारियों से बवाल होने की संभावना जताई थी, लेकिन अधिकारियों ने उसकी बात पर कोई ध्यान नही दिया।
धीरेंद्र ने कहा कि अधिकारियों की मौजूदगी में उसके 80 वर्षीय वृद्ध पिता एवं भाभी पर हमला किया गया। अधिकारियों पर दूसरे पक्ष से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए दावा धीरेंद्र ने किया है कि इस घटना में उसके परिवार के एक व्यक्ति की मौत होने की सूचना उसे मिली है।
उसके अनुसार एक व्यक्ति की हालत नाजुक बनी हुई है तथा उसके पक्ष के आठ से अधिक लोग घायल हुए हैं। उसने कहा है कि उसे नही जानकारी है कि जय प्रकाश पाल गामा की मौत किसकी गोली लगने से हुई है। उसने प्रशासन पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उसकी शिकायत पर पुलिस मुकदमा दर्ज नही कर रही।





